जीवन की परेशानियां अधिकतर इंसान को तोड़कर रख देती हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो इन परेशानियों में और ज्यादा मजबूत होकर उभरते हैं। ऐसे ही लोगों में शुमार हैं रजनी बेक्टर। दरअसल रजनी बेक्टर ने बंटवारे का दंश झेला था और कराची में पैदा हुईं रजनी बेक्टर बंटवारे के बाद भारत लौटीं।
भारत आने के बाद उनका परिवार दिल्ली में बस गया। यहां से रजनी ने ग्रेजुएश किया। जिसके बाद उनकी शादी लुधियाना में हो गई। शादी के बाद रजनी बेक्टर ने अपने बिस्किट बनाने के शौक को ही अपना पेशा बनाने का फैसला किया और साल 1978 में अपने घर में ही बिस्किट बनाना शुरू किया।
आज अपनी मेहनत और लग्न के दम पर वह मिसेज बेक्टर्स फूड स्पेशियलिटीज की मालिक हैं और इनकी कंपनी क्रीमिका ब्रांड से बिस्किट, ब्रेड और आइसक्रीम दुनिया के 50 से ज्यादा देशों को निर्यात करती हैं। इनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 700 करोड़ रुपए का है। रजनी बेक्टर की कंपनी फास्ट फूड चेन मेक्डोनाल्ड्स और बर्गर किंग को भी ब्रेड सप्लाई करती है।
बता दें कि अब उनकी कंपनी 550 करोड़ रुपए का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। मिसेज बेक्टर्स फूड स्पेशियलिटीज कंपनी ने इससे पहले साल 2018 में भी अपना आईपीओ लाने का फैसला किया था। हालांकि बाद में उन्होंने किन्हीं कारणों से यह विचार त्याग दिया था।
मिसेज बेक्टर्स कंपनी को CX Partners और गेटवे पार्टनर्स नामक दो प्राइवेट इक्विटी फर्म सपोर्ट करती हैं। अब ये दोनों फर्म प्रस्तावित आईपीओ के जरिए मिसेज बेक्टर्स कंपनी से बाहर निकलना चाहती हैं। कंपनी में प्रमोटर्स के पास 52.45 फीसदी हिस्सा है और सीएक्स पार्टनर्स और गेटवे पार्टनर्स के पास 46.75 फीसदी हिस्सा है।
कंपनी अपने फ्लैगशिप ब्रांड मिसेज बेक्टर्स क्रेमिका के तहत बिस्किट और इंग्लिश ओवन ब्रांड के तहत बेकरी प्रोडक्ट का निर्माण करती है।
कंपनी ने सेबी को दिए अपने आवेदन में कहा है कि कंपनी आईपीओ से मिली पूंजी से पंजाब के राजपुरा में स्थित मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का विस्तार करेगी। माना जा रहा है कि कंपनी का आईपीओ अगले साल की शुरुआत में यानि कि जनवरी फरवरी में आ सकता है।
31 मार्च, 2020 को कंपनी का राजस्व 762 करोड़ रुपए रहा। इस दौरान कंपनी ने 30 करोड़ रुपए का टैक्स दिया। बता दें कि मिसेज बेक्टर्स फूड स्पेशियलिटीज कंपनी के पंजाब के राजपुरा के अलावा हिमाचल के टाहलिवाल, उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में, महाराष्ट्र के खोपोली में और कर्नाटक के बेंगलुरु में भी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं।