देश में बढ़ती नक्सल समस्या पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सालों पुराना वाकया सुनाया है। यह वाकया राजनाथ सिंह के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान का है। राजनाथ सिंह ने बताया कि कैसे उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए नक्सल की समस्या खत्म की थी। उन्होंने कहा, ‘जब मैं उत्तर प्रदेश का चीफ मिनिस्टर था तो राज्य के 3-4 जिलों में नक्सल की समस्या गंभीर होती जा रही थी। वहां नक्सलियों ने वन विभाग के कई अधिकारियों को मार दिया था। इसके बाद मैंने सभी महानिदेशकों को तलब किया और उनसे इस समस्या को खत्म करने को कहा’।
Union Home Minister Rajnath Singh: When I was the CM of Uttar Pradesh, there was an increasing problem of naxalism in 3-4 districts, Naxals had killed several forest officers working there. I called all the DGs and told them this problem should be solved pic.twitter.com/4yuYlAAYkh
— ANI (@ANI) December 16, 2018
हालांकि डीजी इस पर हिचक रहे थे। उन्हें मानवाधिकार वालों का डर सता रहा। वाकये पर राजनाथ ने आगे कहा कि, ‘ मेरी बात सुन उन सभी ने कहा कि इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग इसके बाद मानवाधिकार आयोग पहुंचेंगे। इसके बाद मैंने उन्हें कहा कि इसकी चिंता न करें। मैंने उन सबसे कहा कि, मैं फाइल में लिख दूंगा कि ऑपरेशन को मेरे आदेश पर अंजाम दिया गया। इसके बाद एक ही दिन में हमने 16 नक्सलियों को मार गिराया। तब से लेकर अभी तक उत्तर प्रदेश में नक्सलवाद पैर नहीं पसार पाया।
Rajnath Singh: They told me the biggest problem is people will take it to Human rights commission. I told them not to worry about it, I’ll put it on file that operation was conducted under my orders. In one day, we neutralized 16 naxals & since then, naxalism hasn’t spread in UP pic.twitter.com/BFe9DZpCw9
— ANI (@ANI) December 16, 2018
बता दें कि, बीते दिनों संसद के उच्च सदन राज्य सभा में नक्सल की समस्या से जुड़े आंकड़े रखे गए थे। यह आंकड़े गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने बुधवार को राज्यसभा में रखे थे। जिनमें बताया गया था कि, 2011 से लेकर 2018 तक नक्सल प्रभावित राज्यों में होने वालीहिंसा में बड़े स्तर गिरावट दर्ज की गई। आकड़ों के मुताबिक, नक्सली हिंसा इस साल सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में हुई। जहां 355 वारदातें दर्ज हुई और 138 लोगों की मौत हुई। वहीं दूसरे नंबर पर झारखंड रहा। जहां 184 हिंसा के मामलों में 40 लोग मारे गए।