गुजरात के राजकोट में टीआरपी गेमिंग जोन हादसे को लेकर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 सीनियर अधिकारों को सस्पेंड किया है। इस हादसे में 12 बच्चे समेत 28 लोगों की आग में झुलसने से मौत हो गई।

हादसे को लेकर राजकोट नगर निगम के दो अधिकारी असिस्टेंट इंजीनियर जयदीप चौधरी और टाउन प्लानर गौतम जोशी को सस्पेंड किया गया है। इसके साथ ही पुलिस विभाग दो अधिकारी पुलिस इंस्पेक्टर एन आर राठौर और पुलिस इंस्पेक्टर वी आर पटेल को भी सस्पेंड किया गया है। वहीं सड़क और निर्माण विभाग के दो अधिकारी एडिशनल इंजीनियर पारस कोठिया और डिप्टी इंजीनियर एम आर सुमा पर भी गाज गिरा दी गई है।

इस हादसे के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटना स्थल का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिया था। जिसके बाद प्रशासन ने विभिन्न विभागों के छह अधिकारियों को सस्पेंड किया है।

इस वजह से आग ने लिया विकराल रूप

इस घटना को लेकर गुजरात सरकार ने सुभाष त्रिवेदी के नेतृत्व में 5 सदस्यीय SIT का गठन किया है। जिस समय गेमिंग जोन में आग लगी उस दौरान वहां जनरेटर के लिए 1500 से 2000 लीटर डीजल, गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल रखा था। इसी वजह से आग ने विकराल रूप ले लिया और पूरा गेमिंग जोन आग के चपेट में आग गया।

हादसा इस वजह से भी और गंभीर हो गया क्योंकि गेम जोन से बाहर निकलने और बाहर से अंदर जाने के लिए 7 फिट का एक ही रास्ता है। वहीं गेम जोन में एंट्री के लिए 99 रुपये की स्कीम चल रही थी। इस वजह से वहां पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद था।

मामले पर हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

वहीं गेमिंग जोन हादसा मामले पर गुजरात हाईकोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई करते हुए अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगम से स्पष्टीकरण मांग है। हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह मानव निर्मित आपदा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि गेमिंग जोन के निर्माण और संचालन के लिए सही नियमों का पालन नहीं किया गया।