इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने एक ट्वीट किया तो ट्रोल उनपर टूट पड़े। शर्मा ने सुबह-सुबह ट्वीट किया, ‘अंधेरे को हटाने में समय बर्बाद मत करो, दीये को जलाने में समय लगाओ। दूसरों को नीचा दिखाने में नहीं, खुद को ऊँचा उठाने में समय लगाओ।’ रजत शर्मा के इस ट्वीट को किसी ने अर्नब से जोड़कर समझा तो किसी ने किसान आंदोलन से और यूजर्स ने सोशल मीडिया पर खिंचाई शुरू कर दी। एक यूजर ने कहा, ‘काश यही आपने रिपब्लिक के अर्नब के साथ भी किया होता।’

एक यूजर जी राव ने कहा, ‘आप भी अपने आप को ऊंचा बनाओ न कि अर्नब के खिलाफ जो बेबुनियाद आरोप लगाये उसके अपने चैनल में बढ़ावा मत दो सिर्फ इसलिए की एक छोटे लड़के ने आप को कोसों मील दूर छोड दिया?’ समीर श्रीवास्तव ने लिखा, ‘जब अर्नब की गिरफ्तारी हुई थी तब आपने यह दोहरे अर्थ वाला संदेश क्यों नहीं लिखा था?’

उस्ताद नाम के एक यूजर ने किसान आंदोलन से जोड़ते हुए लिखा, ‘आप भी कुछ दिनों से आध्यात्मिक बने हुए हैं, लगता है द्वंद्व चला हुआ है अंदर ही अंदर, मालिक की वफादारी करें या रोटी की इज्जत?’ मारवाड़ी पटेल ने कहा कि कभी कभी गलत लोगों को एक्सपोज करना नीचा दिखाना नहीं होता। दूसरे यूजर सुनील द्विवेदी ने लिखा, आप यासीन मलिको को आपकी अदालत में बुलाकर मेहमान नवाजी करिए।’ लोगों ने अर्नब का साथ न देने के बारे में भी सवाल पूछा। बता दें कि अर्नब की गिरफ्तारी के बाद रजत शर्मा ने इसकी निंदा की थी।

ट्विटर के एक ट्रोल ने लिखा, ‘ये बात सबसे पहले खुद अपने आपको समझाओ। अच्छी बात लिख के ट्वीट करने से पाप का घड़ा खाली नहीं होता।’

यूजर उमेश पांडेय ने लिखा, “पर उपदेश कुशल बहुतेरे”।भारतीयों की आवाज बन चुके राष्ट्रवादी पत्रकार श्री अर्नब गोस्वामी जी के मामले में तो आपने ना तो न्याय हेतु बुलंद आवाज का दीपक ही जलाया और ना ही उनको तथा उनके चैनल को नीचा दिखाने में,पूरी ताकत लगाने से प्रतिवारित रहे।आपके मुख से ऐसे उपदेश शोभा नहीं देते हैं।”