राजस्थान में जोधपुर पुलिस ने पाकिस्तान से आए एक हिंदू शरणार्थी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए शरणार्थी की पहचान 44 वर्षीय नूरजी भील के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि नूरजी भील बिना मान्य लाइसेंस या सर्टिफिकेट के यहा डॉक्टरी की प्रैक्टिस कर रहा था।

पुलिस के अनुसार भील साल 2004 में भारत आया था। इससे पहले वह पाकिस्तान में मेडिसिन की पढ़ाई कर रहा था। अधिकारियों के अनुसार नूरजी भील के पास भारत में प्रैक्टिस करने के लिए आवश्यक कोई मान्य लाइसेंस या सर्टिफिकेट नहीं है। भील के खिलाफ आईपीसी की कई संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।

भील के परिवारवालों ने पुलिस पर उसकी पिटाई करने का आरोप लगाया है। वहीं, एक्टिविस्टों का कहना है कि यह भारत में शरण के लिए आए हिंदू लोगों के उत्पीड़न की घटना है। इस संबंध में नूरजी भील के छोटे भाई खीवराज ने बताया कि मेरे बड़े भाई ने एक छोटा सा क्लिनिक खोला था। इस क्लिनिक में वह अधिकतर शरणार्थियों का ही इलाज करता था और अन्य शरणार्थियों की मदद करता था।

पुलिस ने हालांकि, नूरजी भील को गिरफ्तार करने की पुष्टि की है लेकिन किसी भी तरह के उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया है। चौपसनी हाउसिंग बोर्ड पुलिस स्टेशन के एसएचओ परमेश्वरी का कहना है कि इस मामले में मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है। वह एक क्लिनिक चला रहा था। उसको पीटे जाने के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।