राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर फिर से आग सुलग उठी है। शुक्रवार (आठ फरवरी, 2019) को सवाई माधोपुर जिले में गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला समर्थकों के साथ रेल पटरी पर बैठकर आरक्षण की मांग कर रहे थे। यही वजह रही कि कुछ देर के लिए दिल्ली-मुंबई रेल रूट बंद बाधित हो गया था। उन्होंने मीडिया से कहा, “हम पांच फीसदी आरक्षण चाहते हैं, पर सरकार ने अभी तक हमारी दरख्वास्त का जवाब नहीं दिया। ऐसे में मैं आंदोलन छेड़ने जा रहा हूं। सरकार हमें आरक्षण दे, मुझे नहीं पता कि वह कहां से हमें हिस्सा देगी। यह बात वह ही जानें।”
बैंसला ने यह आरक्षण पांच समुदायों के लिए मांगा है, जिसमें गुर्जर भी शामिल हैं। बीते महीने उन्होंने राज्य सरकार को इस संबंध में अपना रुख साफ करने के लिए 20 दिनों का अल्टिमेटम दिया था। गुर्जर नेता ने साथ ही धमकी भी दी थी कि अगर सरकारी शिक्षा और नौकरियों में इन समुदायों को आरक्षण नहीं दिया गया, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
चूंकि, सरकार ने इस बाबत कोई सक्रियता नहीं दिखाई। ऐसे में जिले के मलारना डूंगर में महा पंचायत को संबोधित करने के बाद वह अपने समर्थकों के साथ रेल पटरी पर जा बैठे। उनका कहना था, “चीजें तेजी से बदल रही हैं। मैं यहां नहीं आया हूं, लोग मुझे लेकर आए हैं। लोगों को हमेशा बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। यह करो या मरो की लड़ाई है। राज्य सरकार को अपने वादा पूरा करना चाहिए। हम इसके खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। मैं इस प्रदर्शन का नेतृत्व करूंगा और युवा इसका जमकर समर्थन करेंगे।”
प्रदर्शन शुरू होने के बाद राज्य में उच्च स्तरीय बैठकों का दौर शुरू हो गया, ताकि प्रदर्शनकारियों को शांत कराया जा सके। प्रदर्शनकारी अलग से इस पांच फीसदी आरक्षण की मांग सरकारी शिक्षा और नौकरियों में गुर्जरों, राया-रेबाड़ी, गदिया लोहार, बंजारा और गड़रिया समुदाय के लिए कर रहे हैं। मौजूदा समय में इन समुदायों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे के तहत अलग से एक फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है।
पश्चिमी मध्य रेलवे के सीपीआरओ के अनुसार, “सवाईमाधोपुर और बयाना रेलवे स्टेशंस के बीच गुर्जर समुदाय के प्रदर्शन की वजह से चार ट्रेनें रद्द रहीं, जबकि सात के रूट में फेरबदल किया गया।”