राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी का कहना है कि गाय एकमात्र ऐसा जानवर है जो ऑक्सीजन ही लेता है और यही छोड़ता है। उन्होंने 14 जनवरी को अक्षय पात्र फाउंडेशन की ओर से हिंगोनिया गौशाला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बयान दिया। मंत्री ने गाय के वैज्ञानिक महत्व बताए। उन्होंने कहा, ” गाय एकमात्र प्राणी है जो ऑक्सीजन ग्रहण करता है और ऑक्सीजन ही छोड़ता है।” उन्होंने आगे कहा कि गाय के वैज्ञानिक महत्व को समझने की जरुरत है और सभी लोगों तक यह संदेश पहुंचना चाहिए। राजस्थान के मंत्री का यह बयान संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन के उन दावों के उलट हैं जिसकी 2006 की रिपोर्ट में गाय सहित सभी मवेशियों को कार्बन डाई ऑक्साइड, मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार ठहराया था। इस रिपोर्ट के अनुसार मवेशियों के पाचन तंत्र से यह गैस निकलती हैं।
भाजपा नेता गाय के गुण बताने में पीछे नहीं रहते हैं। इसके चक्कर में कई बार वे बढ़ा-चढ़ाकर दावे भी कर देते हैं। राजस्थान में तो बाकायदा गौपालन मंत्रालय भी बनाया गया है। बावजूद इसके हिंगोनिया गौशाला में पिछले दिनों इलाज और उचित देखभाल के अभाव में सैंकड़ों गायें मर गई थी। हरियाणा और मध्य प्रदेश की भाजपा सरकारें भी गाय को मुद्दा बनाती रही हैं। एमपी में तो पिछले दिनों पुलिसवालों को गाय चराने की भी जिम्मेदारी दी गई थी। यहां के नरसिंहपुर जिले में छुड़ाए गए 1100 गोवंश की देखभाल के लिए 6 जवानों को लगाया गया था।
वहीं गुजरात सरकार द्वारा बनाए गए गौसेवा और गौचर विकास बोर्ड द्वारा गाय के फायदे बताते हुए कहा था कि गौमूत्र ‘शैतान और ड्रेकुला’ से बचाने के लिए काम आता है। यह बात गौचर विकास बोर्ड ने ‘अरोग्य गीता’ नाम की एक एडवाइजरी में कही गई। इसमें कहा गया है कि सिर्फ गौमूत्र ही भूतों से बचा सकता है। इसके अनुसार, जब मानव के शरीर में भूत घुस जाता है तो कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। शास्त्रों में ऐसी बिमारियों को ‘भूतमिस्तांग’ कहा गया है। गाय का मूत्र इसमें कैसे काम आता है इसका जिक्र करते हुए लिखा है, भगवान शंकर भूतों के भगवान हैं। गंगा उनके सिर में वास करती हैं। नंदी उनकी सवारी है। गाय के मूत्र में गंगा होती है। भूत गाय के मूत्र से इसलिए भाग जाते हैं क्योंकि नंदी गौमाता का लड़का है।