भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने राजसमंद जिले के रक्त तलाई में उन पट्टियों को हटा दिया है, जिसमें कहा गया था कि 1576 में मुगल सम्राट अकबर के साथ महाराणा प्रताप की लड़ाई के दौरान राजपूतों की सेना को पीछे हटना पड़ा था।

राजस्थान के कुछ स्थानीय लोगों और राजपूत समुदाय के लोगों ने पट्टियों पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी जैसे राजनेताओं ने भी इस मुद्दे को उठाया था। एएसआई के जोधपुर सर्किल के अधीक्षक बिपिन चंद्र नेगी ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि विभागीय आदेशों के बाद इन पट्टिकाओं को बृहस्पतिवार को हटा दिया गया। नेगी ने कहा कि ये पट्टिकाएं 40 से भी अधिक साल पुरानी थीं। इनपर अंकित शब्द भी धुंधले हो गए हैं। ये बोर्ड एएसआई के नहीं थे। उन्हें राज्य के पर्यटन विभाग ने लगाया था और एएसआई ने 2003 में इस जगह का रखरखाव शुरू किया, इन्हें आज हटा दिया गया। इनकी जगह पर नये बोर्ड लगाए जाएंगे।

नेगी ने कहा, “राज्य सरकार ने 1975 में चेतक समाधि, बादशाही बाग, रक्त तलाई और हल्दीघाटी में इन पट्टिकाओं को लगाया था जब इंदिरा गांधी ने इस क्षेत्र का दौरा किया था। स समय, ये केंद्रीय रूप से संरक्षित स्मारक नहीं थे। इन स्थलों को 2003 में राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों के रूप में घोषित किया गया था, लेकिन पट्टियों में यह जानकारी नहीं है। समय के साथ, वे खराब हो गए और तारीख और कुछ अन्य जानकारी को लेकर विवाद भी हो गया। ”

हल्दीघाटी राज्य के राजसमंद जिले में है। एएसआई ने अपनी राज्य इकाई को इन विवादास्पद पट्टिकाओं को हटाने का निर्देश दिया था। अनेक राजपूत व लोक संगठन लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने एएसआई के इस बारे में आदेश जारी किए जाने की पुष्टि की।

मेघवाल ने से कहा, ‘‘ हां, आदेश जारी कर दिए गए। जो सही है, वह लिखा जाना चाहिए।’’ नेगी ने कहा, ‘‘ चाहे वह युद्ध की तारीख हो या अन्य बहस योग्य विवाद, एएसआई उनका सत्यापन करेगी और तथ्यात्मक आधार पर प्रमाणित सूचनाएं लगाएगी। इतिहास व पुरातत्व में कई बुनियादी अंतर हैं जिनका ध्यान रखा जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि निविदा जारी करने के बाद नए पट्ट लगाए जाएंगे। नए पट्ट लगाने का उद्देश्य इस जगह व घटना की महत्ता को रेखांकित करना है। गौरतलब है कि उक्त पट्ट 1970 के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की यात्रा के दौरान राज्य के पर्यटन विभाग ने लगाए थे। महाराणा प्रताप व अकबर की सेनाओं के बीच हल्दीघाटी का युद्ध 1576 में लड़ा गया था।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों में हल्दीघाटी की लड़ाई की तारीख 18 जून 1576 है जबकि पट्टिकाओं पर यह 21 जून 1576 लिखी गई है। राजसमंद की सांसद दिया कुमारी सहित अनेक जनप्रतिनिधि तथा संगठन इस मुद्दे को उठा चुके हैं।