Maharashtra Politics: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने उद्धव ठाकरे के काफिले पर हमला कर दिया। साथ ही चूड़ियां, टमाटर और नारियल फेंके और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख के काफिले में शामिल वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। जिसका बाद वहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई। यह पूरा घटनाक्रम शनिवार का है।
यह विवाद गडकरी रंगायतन के पास हुआ, जहां उद्धव ठाकरे को शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं को संबोधित करना था। जैसे ही ठाकरे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। वैसे ही मनसे कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ़ प्रदर्शन करते हुए हॉल में घुसकर हंगामा किया। पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए व्यवस्था बहाल की। साथ ही कई मनसे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
ठाकरे के काफिले पर हमला कथित तौर पर बीड में हुई इसी तरह की घटना का बदला था, जहां शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे के काफिले पर सुपारी और टमाटर से हमला किया था।
ठाणे से मनसे नेता अविनाश जाधव ने कहा, “हमारे मनसे कार्यकर्ताओं ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है। आप सुपारी फेंकते हैं, हमने आप पर नारियल से हमला किया। उद्धव ठाकरे के काफिले की करीब 16 से 17 गाड़ियों को नारियल से क्षतिग्रस्त किया गया। मैं शिवसैनिकों से कहना चाहता हूं कि आप दूसरे नेताओं के बारे में टिप्पणी करते हैं, लेकिन राज ठाकरे के बारे में नहीं। क्योंकि हमने मनसे पार्टी में मेरे जैसे लोगों को बनाया है। इस बार हम गडकरी हॉल पहुंचे। अगली बार हम आपके घर पहुंचेंगे।”
उद्धव ने एकनाथ शिंदे की सरकार की आलोचना की
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर दिल्ली के सामने झुकने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव उन लोगों के खिलाफ लड़ाई है जो राज्य से “नफरत” करते हैं।
शिंदे के गढ़ ठाणे शहर में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा में बोलते हुए उन्होंने कथित तौर पर राज्य सरकार पर अक्टूबर में होने वाले चुनावों से महीनों पहले अपनी प्रमुख योजना मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना की घोषणा करके मतदाताओं को “रिश्वत” देने का आरोप लगाया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए, क्योंकि यह उनका अपना पैसा है, लेकिन उन्हें आत्मसम्मान से समझौता नहीं करना चाहिए। ठाकरे ने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के प्रमुख शिंदे पर हमला करते हुए कहा, “वे दिल्ली के सामने झुक रहे हैं।” उन्होंने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का संघर्ष दिल्ली के सामने झुकने से इनकार करने के लिए था।