Uddhav Thackeray Raj Thackeray: महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा इस बात को लेकर चल रही है कि क्या शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र निर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे एक मंच पर आएंगे? यह चर्चा तब शुरू हुई जब फिल्ममेकर महेश मांजरेकर के साथ पॉडकास्ट में जब राज ठाकरे ने कहा कि वह महाराष्ट्र और मराठी भाषा के हितों के मुद्दे पर छोटी-मोटी बातों को दरकिनार करने के लिए तैयार हैं। 

राज ठाकरे ने यह भी कहा कि उन्हें अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ काम करने में कोई दिक्कत नहीं है। 

इस मामले में तमाम नेताओं और राजनीतिक दलों के बयानों के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा, “अगर वे साथ आते हैं तो हमें खुशी होगी। अलग हो चुके लोगों को फिर से एक होना चाहिए। अगर उनके झगड़े खत्म हो जाते हैं तो यह अच्छी बात है।” उन्होंने कहा कि वे आगामी BMC चुनावों में एनडीए को हराने में सक्षम नहीं होंगे।

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पिछले हफ्ते उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज ठाकरे के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी और यह कहा गया था कि BMC चुनाव से पहले राज ठाकरे महायुति के साथ आ सकते हैं। 

याद दिलाना होगा कि महाराष्ट्र के प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 तक हिंदी अनिवार्य करने के राज्य सरकार के फैसले पर राज्य में जोरदार बहस चल रही है। मनसे सहित विपक्षी दलों ने इस कदम का विरोध किया है। माना जा रहा है कि BMC चुनावों में यह मुद्दा बन सकता है। 

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राज ठाकरे ने छोड़ दी थी शिवसेना

याद दिलाना होगा कि राज ठाकरे को एक वक्त में अपने चाचा और शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता था। ऐसा कहा जाता है कि जब राज ठाकरे को ऐसा लगा कि बाला साहेब ठाकरे अपने बेटे उद्धव ठाकरे को राजनीति में आगे बढ़ा रहे हैं तो उन्होंने 2005 में शिवसेना छोड़ दी और मनसे बनाई थी। तमाम तरह की चर्चाओं के बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे साथ काम करने के लिए तैयार होंगे?

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