दिल्ली में रायसीना डायलॉग समिट चल रहा है। इसी समिट में चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ी बात कही है। जयशंकर ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र क्यों महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान नहीं ढूंढ पा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र का निर्माण हुआ था, तब इसमें लगभग 50 सदस्य थे लेकिन आज के समय में इसके चार गुना सदस्य हो गए हैं।

जब चार गुना अधिक सदस्य हों…

एस जयशंकर ने कहा कि जब आपके पास पहले से चार गुना अधिक सदस्य हों, तो आप इस तरह काम नहीं कर सकते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा यदि आप पिछले 5 वर्षों को देखें तो सभी बड़ा मुद्दों के लिए हम बहुत अच्छे समाधान नहीं ढूंढ पाए हैं, इसलिए सुधार जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि कई मामलों में नियमों से खिलवाड़ भी किया गया है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हम ग्लोबलाइजेशन के बारे में बात करते हैं लेकिन तथ्य है कि विश्व व्यापार नियमों के साथ भी खिलवाड़ किया गया है। आज हमारे समय में बड़ी चुनौतियां यह भी है कि कई देश अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की कीमत पर अपने लाभ के लिए उसका उपयोग करते हैं।”

हम कोई रास्ता नहीं निकाल पाए- जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कई मामलों में वास्तविकता यह है कि हम बीच का कोई रास्ता नहीं निकाल पाएंगे। उन्होंने कहा कि पुराने मुद्दों के अलावा नए मुद्दे भी हैं। दिन की बड़ी बहस, कनेक्टिविटी , लोन, व्यापार, और आज इनका लाभ कैसे उठाया जाता है, ये भी मुद्दा है। जयशंकर ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि ये सभी बड़े मुद्दे वेस्ट के हों, इसलिए वेस्ट (प्रमुख शक्ति के रूप में) आज हम जहां हैं उसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है।

UN में सुधार की वकालत करते हुए जयशंकर ने कहा, “नए प्लेयर्स ने मदद नहीं की है। यदि आप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार को लेते हैं, सबसे बड़ा विरोधी कोई पश्चिमी देश नहीं है। तो आइए समस्या को ठीक से समझ लें। हमें बदलाव के लिए ग्रुप बनाने के लिए धीरे-धीरे संघर्ष करना होगा। कई मुद्दों पर आपको अलग-अलग संयोजन मिलेंगे।