Meghalaya Minister Kyrmen Shylla: मेघालय हाईकोर्ट द्वारा 4000 टन से ज्यादा कोयला गायब होने पर राज्य सरकार को फटकार लगाने के बाद एक मंत्री ने सोमवार को दावा किया कि राज्य में भारी बारिश के कारण कोयला बह गया होगा। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जिनकी निगरानी में कोयला गायब हुआ।
मंत्री ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैं इसे उचित ठहराने की कोशिश नहीं कर रहा हूं, लेकिन हमें खुद को याद दिलाना होगा कि अगर आपको याद हो तो मेघालय में देश में सबसे ज्यादा बारिश होती है। इसलिए इस भारी बारिश की वजह से कुछ भी हो सकता है। आरोप है कि मेघालय में बारिश के कारण असम में बाढ़ आई और पूर्वी जयंतिया पहाड़ियों से बारिश का पानी बांग्लादेश चला गया। आप कभी नहीं जानते, हो सकता है कि बारिश के कारण कोयला बह गया हो।’
कोर्ट ने जताई थी आपत्ति
मंत्री ने कहा, ‘मैं केवल बारिश को दोष नहीं दे सकता, मेरे पास ऐसा कोई ब्यौरा नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि अवैध ट्रांसपोर्टेशन हुआ था। हालांकि, चूंकि हमारे पास अधिकार है, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई अवैध ट्रांसपोर्टेशन या अवैध खनन न हो, यह कानून के अनुसार होना चाहिए।’ मेघालय हाईकोर्ट ने हाल ही में अपनी सुनवाई में राज्य को कोयले की अवैध आवाजाही के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों और अधिकारियों की पहचान करने का निर्देश दिया। जस्टिस एचएस थांगखियू की अध्यक्षता वाली बेंच ने इतनी बड़ी मात्रा में कोयले के गायब होने की वजह बनी खामियों पर कड़ी आपत्ति जताई।
बीपी कटेकी समिति कर रही निगरानी
रिटायर्ड जस्टिस बीपी कटेकी समिति की तरफ से पेश 31वीं अंतरिम रिपोर्ट राज्य में कोयला खनन और परिवहन की निगरानी कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, गायब हुए 4,000 टन कोयले का पहले ही आधिकारिक तौर पर सर्वेक्षण और रिकॉर्ड किया जा चुका है। इससे अवैध ट्रांसपोर्टेशन के बारे में गंभीर सवाल उठते हैं। इसके लिए मेघालय लंबे समय से बदनाम रहा है। आखिर किस बात के लिए मेघालय हाई कोर्ट जाएगा राजा रघुवंशी का परिवार?