भारतीय रेलवे अगले तीन या चार दिनों में सोलर ट्रेन का ट्रायल जोधपुर में करने जा रहा है। नॉर्थ-वेस्ट रेलवे के पीआरओ गोपाल शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस डॉट कॉम को यह जानकारी दी है। सोलर ट्रेन के हर कोच की छत पर 12 सोलर पैनल लगाए गए हैं। इनमें से प्रत्येक 300 वॉट बिजली पैदा करेगा। रेलवे को उम्मीद है कि सोलर ट्रेन की मदद से सालाना 239 टन कार्बन डाईऑक्साइड कम उत्पन्न होगी और करीब 90,800 लीटर डीजल की बचत होगी।
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पीआर गोपाल शर्मा ने बताया कि ट्रायल के बाद ही यह तय किया जाएगा कि ट्रेन का रूट का क्या होगा। रेलवे डीजल-इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) के करीब 50 कोच में सोलर पैनल लगवाने जा रहा है। यह कार्य नोएडा की फर्म जैक्सन इंजीनियर्स को दिया गया है। इस कंपनी को चेन्नई और अमृतसर के लिए पायलट प्रोजेक्ट का भी कार्य दिया गया है।
पिछले साल इंडियन रेलवे ने रेवाड़ी-सीतापुर पैसेंजर ट्रेन में सोलर पैनल के साथ ट्रायल किया था। इसके अलावा पठानकोट-जोगिंदरनगर और कालका-शिमला सेक्शन में भी ट्रायल के लिए सोलर पैनल लगाए गए थे। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने 2016-2017 बजट के दौरान अगले पांच साल में 1000 मेगावाट बिजली सोलर पैनल के जरिए पैदा करने का लक्ष्य रखा था। इस दिशा में रेलवे ने छोटे ही सही, लेकिन कदम बढ़ा दिए हैं।
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