रेलवे मंत्रालय ने इंटीग्रल कोच फैक्टरी चेन्नई में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के निर्माण से जुड़ी अधिकारियों की पूरी टीम के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू कर दी है। द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम डेल्ही कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक, प्रोजेक्ट पर काम करने वाले कम से कम 9 शीर्ष अधिकारियों को सवालों की सूची सौंपी गई है।

इसमें कुछ वक्त पहले ही रिटायर हुए इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के पूर्व जीएम तक शामिल हैं। सूची में शामिल अफसरों में रेलवे में सेवारत एक जीएम भी शामिल हैं। वहीं, एक दूसरे अधिकारी के जल्द जीएम बनने की बात कही जा रही है। विस्तृत विजिलेंस जांच शुरू करने से पहले सवालों की सूची सौंपा जाना पहला कदम माना जाता है।

वहीं, अधिकारी इसे निशाना बनाने की कार्रवाई करार दे रहे हैं। उधर, मंत्रालय भविष्य की खरीद के लिए नए टेंडर जारी करने के लिए ट्रेनसेट प्रोजेक्ट से जुड़े स्पेसिफिकेशन को संशोधित करने में जुटा है। दूसरी तरफ सरकार ने शुक्रवार को बताया कि तेज गति की ट्रेन वंदे भारत में बासी खाना वितरित करने वाले सर्विस प्रोवाइडर को न केवल कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, बल्कि उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

इसके अलावा, नए सर्विस प्रोवाइडर की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 17 नवंबर 2019 को नई दिल्ली से वाराणसी जा रही वंदे भारत ट्रेन (गाड़ी संख्या 22435-36) में बासी खाना परोसे जाने की शिकायत दर्ज कराई गई थी।

इस मामले की जांच की गई। गोयल ने बताया कि गाड़ी में रात के खाने की आपूर्ति करने वाले सर्विस प्रोवाइडर मैसर्स होटल लैंडमार्क, कानपुर को खानपान सेवा मानकों का पालन न करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। उन्होंने बताया कि घटना के समय गाड़ी में मौजूद आईआरसीटीसी के संबंधित पर्यवेक्षकों पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। साथ ही नए सर्विस प्रोवाइडर की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है।

(भाषा इनपुट्स के साथ)