नरेंद्र मोदी सरकार में लगातार सुर्खियों में रहने वाले मंत्रालयों में रेल मंत्रालय भी शामिल है। राहत की बात ये है कि रेल मंत्रालय अक्सर सकारात्मक कारणों से चर्चा में रहता है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ट्विटर पर यात्रियों की शिकायतों के निपटारे करके काफी नाम कमा चुके हैं। लेकिन शायद यात्रियों की उनसे उम्मीदें भी बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम में प्रभु ने कहा कि यात्री चाय में चीनी अधिक होने जैसी शिकायतें भी करते हैं जो आम तौर पर लोग अपनी बीवियों से करते हैं। रेल मंत्री ने ऐसी शिकायतों पर चुटकी लेते हुए कहा, हम अपने यात्रियों से इतना प्यार करते हैं कि शायद वो हमें अपनी पत्नी समझने लगते हैं।
रेल मंत्रालय ने सुलभ इंटरनेशनल के साथ रेलवे स्टेशनों की सफाई के लिए समझौता किया है। प्रभु ने कहा कि रेलवे ने सुलभ से “शादी करने का फैसला” किया है। रेल मंत्री ने कहा कि अगर कोई इस मौके पर कोई उपहार देना चाहता है तो रेलवे स्टेशनों की स्वच्छता सुनिश्चित करने से बेहतर कोई गिफ्ट नहीं हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद संभालने के बाद से ही “स्वच्छता” को सरकार के एंजेंडे में प्रमुखता दी है। पीएम मोदी ने इस मकसद से “स्वच्छ भारत अभियान” शुरू किया है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भी कार्यभार संभालने के बाद से ही रेलवे की सफाई को प्राथमिकता दी है।
हैंडहेल्ड मशीन
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने जब से मंत्रालय संभाला है तब से ही वो नित नए प्रयोग कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने तय किया कि रेलवे टिकट इग्जामिनर को यात्रा के दौरान टिकट चेक करने और रसीद देने के लिए ‘हैंडहेल्ड’ (हाथ में ली जा सकने वाली) मशीन दी जानी चाहिए। प्रभु के आइडिया को अमली जामा पहनाने के लिए रेलवे के प्रशासनिक अधिकारियों ने झटपट ऐसी मशीन का नमूना उनके सामने पेश कर दिया। प्रभु मशीन देखकर हैरान जरूर हुए होंगे क्योंकि सरकारी बाबूओं ने जो मशीन चुनी थी वो काफी भारी भरकम थी और उसमें पोर्टेबल प्रिंटर लगा था। मशीन का नमूना देखने के बाद प्रभु के कार्यालय ने 15 हजार रुपये से अधिक कीमत वाले इस मशीन को लेकर अपनी नाराजगी संबंधित अधिकारियों तक प्रेषित की। रेल मंत्रालय के साफ्टवेयर विभाग सेंटर फॉर रेलवे इन्फार्मेशन सिस्टम के अधिकारियों को कहा गया है कि हैंडहेल्ड मशीन सस्ते स्मार्टफोन की तरह होनी चाहिए जिसमें स्पेशल ऐप हों औ जिसे लेकर चलने में सहूलियत हो, न कि कोई भारी-भरकम मशीन।