Railway Concession For Senior Citizens: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बुधवार (15 दिसंबर) को रेल यात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी की अलग-अलग श्रेणियों की बहाली से इंकार कर दिया। उन्होंने इसके फिर से लागू करने के पीछे राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर में मिलने वाली सब्सिडी, पेंशन और वेतन बिलों की तरफ इशारा किया। उन्होंने कहा कि इससे भार अधिक पड़ रहा, इसलिए इसे लागू करना संभव नहीं है।

Indian Railways-रेल मंत्री ने गिनाए खर्चे:

बता दें कि रेल मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को रेल टिकट (Rail Ticket) पर मिलने वाली छूट न देने के पीछे लोकसभा में रेलवे के कई सारे खर्चे गिनाए। उन्होंने रेलवे के सब्सिडी, पेंशन और सैलरी से जुड़े खर्चे गिनाते हुए कहा कि पिछले साल 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी यात्री सेवाओं के लिए दी गई थी। रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे (Indian Raiways) का पेंशन और वेतन बिल भी बहुत अधिक है।

रेल मंत्री ने कहा कि अलग-अलग तरह की सब्सिडी की बहाली की मांग करने से पहले सदन के सदस्यों को तमाम खर्चों पर विचार करना चाहिए। बता दें कि लोकसभा में सवाल किया गया था कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए सब्सिडी कब बहाल करेगी? इस पर लोकसभा में जवाब देते हुए रेल मंत्री वैष्णव ने आग्रह किया कि वो मौजूदा स्थिति को देखें। उन्होंने कहा कि मंत्रालय को पिछले दिनों 59,000 करोड़ रुपये का सब्सिडी बिल वहन करना पड़ा था।

उन्होंने कहा कि अगर किसी यात्री को ले जाने की लागत 1.16 रुपये प्रति व्यक्ति आती है, तो रेलवे वर्तमान में उसके लिए लगभग 45-48 पैसे ही वसूल करता है। इसके अलावा रेलवे यात्रियों के लिए नई सुविधाएं और सेवाएं भी दे रहा है। उसका भी भार रेलवे पर पड़ता है। रेल मंत्री ने कहा कि इन तथ्यों में यह भी जोड़ना जरूरी है कि रेलवे पेंशन बिल 60,000 करोड़ रुपये, वेतन बिल 97,000 करोड़ रुपये और ऊर्जा बिल 40,000 करोड़ रुपये तक आता है।

Rail Minister-रियायत तो नहीं लेकिन दिए ये संकेत:

उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में भी 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। हालांकि इसके अतिरिक्त अगर कुछ और करना होगा तो भविष्य में हम करेंगे।