भारत ने रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से मध्यम दूरी की ‘अग्नि-प्राइम’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि यह विशेष रूप से डिजाइन किए गए रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से किया गया अपनी तरह का पहला परीक्षण है। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी की ‘अग्नि-प्राइम’ मिसाइल 2,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है। यह कई उन्नत सुविधाओं से लैस है।
रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर का क्या है फायदा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जानकारी दी कि अग्नि-प्राइम मिसाइल का लॉन्च विशेष रूप से डिजाइन किए गए रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से किया गया। यह अपनी तरह का पहला लॉन्च है। इस लॉन्च के लिए कोई बदलाव की जरूरत नहीं है, यह बिना किसी पूर्व शर्त के रेल नेटवर्क पर चलने की क्षमता रखता है।
इसका फायदा यह है कि इस लॉन्च सिस्टम को ट्रेन के जरिए आसानी से देश में कहीं भी ले जाया जा सकता है। यह कम विजिबिलिटी के साथ कम रिएक्शन टाइम में लॉन्च करने की सक्षम है। इस सफल टेस्ट ने भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल कर दिया है, जिनके पास चलते-फिरते रेल नेटवर्क से कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम विकसित करने की क्षमता है।
कहां से किया गया लॉन्च?
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सामरिक बल कमान (एसएफसी) के सहयोग से बुधवार को मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का ‘सफल’ प्रक्षेपण किया। इसने हथियार प्रणाली के प्रक्षेपण के स्थान का खुलासा नहीं किया है।
मंत्रालय ने कहा कि अग्नि-प्राइम मिसाइल अत्याधुनिक संचार प्रणालियों और सुरक्षा तंत्रों समेत सभी प्रक्षेपण क्षमता सुविधाओं से लैस है। इस प्रक्षेपण के समय डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक और सामरिक बल कमान के अधिकारी मौजूद थे। अग्नि-प्राइम के “रोड मोबाइल” संस्करण को सफल उड़ान परीक्षणों की एक श्रृंखला के बाद सेवाओं में पहले ही शामिल किया जा चुका है। (इनपुट – भाषा)
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