राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुए कांग्रेस अध्यक्ष के पद को भरने की कवायद जारी है। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया पर ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं। खास बात ये है कि ये सवाल उस नेता ने उठाए हैं, जिसे राहुल गांधी ने ‘टैलेंट हंट’ के जरिए नेता बनाया था और अहम जिम्मेदारियां दी थीं और वो हैं सचिन राव। बता दें कि राहुल गांधी के करीबी ‘सचिन राव’ ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सभी सदस्यों को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में सचिन राव ने कांग्रेस अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया पर ही सवाल उठाए हैं।
इकॉनोमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, सचिव राव ने पत्र में लिखा है कि, ‘कांग्रेस अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है।’ साथ ही राव ने मांग की है कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग बुलायी जाए, जिसमें चुनाव प्रक्रिया की रुपरेखा तैयार की जाए। खबर के अनुसार, राव ने अपने पत्र में लिखा है कि अध्यक्ष चुनने की जो प्रक्रिया चल रही है और वह इसके बारे में वह ‘सिर्फ अटकलें’ लगा सकते हैं।
सचिन राव कांग्रेस वर्किंग कमेटी के आमंत्रित सदस्य हैं और उनकी नाराजगी है कि वह अध्यक्ष पद के लिए जारी आंतरिक बातचीत या चर्चा का हिस्सा नहीं हैं। सचिन राव के इस पत्र को लेकर पार्टी में चर्चाएं चल रही हैं। कुछ नेताओं का मानना है कि सचिन राव को उन कुछ वरिष्ठ नेताओं का समर्थन मिला हो सकता है, जिन्होंने नए पार्टी अध्यक्ष के लिए अपने-अपने सुझाव भेजे हैं।
साथ ही सचिन राव के पत्र में उन युवा नेताओं के विचारों की भी झलक मिल रही है, जो राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद नहीं छोड़ने के पक्ष में थे और पार्टी में शीर्ष स्तर पर बड़े बदलावों के पक्षधर थे।
जो लोग सचिन राव के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, उनके लिए बता दें कि सचिन राव, राहुल गांधी के रणनीतिक सलाहकार रहे हैं। वह एनएसयूआई के संगठन का प्रबंधन करते हैं। इसके साथ ही वह कांग्रेस के संगठन पत्र ‘संदेश’, जिसमें पार्टी के निर्णयों और रणनीतियों के बारे में जानकारी दी जाती है, उसके भी प्रमुख हैं। सचिन राव मिशिगन बिजनेस स्कूल से इंटरनेशनल बिजनेस और कॉरपोरेट स्ट्रैटेजी में एमबीए पास हैं।