अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि पूर्व पार्टी सहयोगी जयंती नटराजन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरे खिलाफ खड़ा किया क्योंकि मैं गरीबों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लिए संघर्ष कर रहा था। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यहां एक रैली में कहा-एक दिन मैंने मोदी जी के बारे में कुछ कहा, अगले दिन उन्होंने नटराजन को खड़ा किया। नटराजन के आरोपों पर राहुल गांधी की यह पहली प्रतिक्रिया है। नटराजन ने आरोप लगाया था कि जब वे पर्यावरण मंत्री थीं तो औद्योगिक परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी दिए जाने में राहुल हस्तक्षेप किया करते थे। नटराजन ने पिछले शनिवार को यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

राहुल ने चुनावी रैली में कहा – मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैंने गरीबों और आदिवासियों के लिए लड़ाई लड़ी व मैंने जयंती नटराजन से कहा था कि हमें पर्यावरण, गरीबों और आदिवासियों के कल्याण पर ध्यान देना चाहिए। मैं गरीबों, झुग्गी-झोपड़ीवासियों और कमजोर तबके के लिए संघर्ष जारी रखूंगा। यह आरोप लगाते हुए कि प्रधानमंत्री अपने उद्योगपति मित्रों को सिर्फ लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं, राहुल ने कहा कि वे समाज के गरीबों और कमजोर तबकों का कल्याण तय करने के लिए राजनीति में आए हंै, न कि किसी व्यवसायी को लाभ पहुंचाने के लिए।

नटराजन ने पिछले शनिवार को यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था कि पर्यावरण मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान औद्योगिक परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी न दिए जाने के कारण उनका तिरस्कार किया गया, जबकि ऐसा उन्होंने राहुल गांधी से संवादों के परिप्रेक्ष्य में किया था। कुछ महीने पहले उन्होंने सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था और आरोप लगाया था कि उन्हें राहुल गांधी से पर्यावरण मंजूरी पर खास निर्देश मिले थे और अंतत: बड़ी परियोजनाएं खारिज कर दी गर्इं। इस रुख पर वे इस्तीफे की घोषणा करने के समय भी कायम रहीं। उनकी टिप्पणियों को लेकर भाजपा ने राहुल पर सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेतृत्व पर तीखा हमला बोला था।