अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के नए खुलासे भारत में एक बार फिर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार इस मामले पर बयान दे रहे हैं और SEBI की भूमिका को लेकर सवाल उठा रहे हैं। आज कांग्रेस के नेशनल ऑफिस में जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह एक गहराई वाला मामला है, इसपर वह चलते-चलते बात नहीं करेंगे बल्कि जल्द ही एक प्रेस कांफ्रेस करेंगे। हिंडनबर्ग रिसर्च ने खुलासा किया है कि SEBI चेयरमैन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच का उन ऑफ़शोर कंपनियों में हिस्सा रहा है जो अडाणी ग्रुप की वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी हुई रही हैं। 

राहुल गांधी ने उठाए हैं गंभीर सवाल

जब हिंडनबर्ग रिसर्च ने SEBI प्रमुख को लेकर यह खुलासा किया तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश भर के ईमानदार निवेशकों के मन में सरकार के लिए कई सवाल हैं। सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अडाणी?’’

इस मामले पर SEBI की प्रमुख माधवी पुरी बुच एवं उनके पति ने रविवार को कहा कि यह सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और चरित्र हनन करने की कोशिश है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि शेयर बाजार की सुरक्षा और उसपर निगरानी की ज़िम्मेदारी SEBI की है लेकिन सेबी ही आज सवालों के घेरे में आ गई है। इस बीच बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस एक बार फिर हिंडनबर्ग रिसर्च के ज़रिए एक साजिश का शिकार हुई है। बीजेपी ने जॉर्ज सोरोस का भी जिक्र किया और कहा कि पीएम मोदी के आलोचक जॉर्ज सोरोस हिंडनबर्ग रिसर्च में बड़े निवेशक रहे हैं। अडाणी ग्रुप ने भी हिंडनबर्ग रिसर्च को पूरी तरह नकार दिया है।