भारतीय वायुसेना बहुचर्चित राफेल विमान के इंतजार में है। इस फाइटर जेट की पहली डिलवरी भी सितंबर महीने में होने वाली है। लेकिन, विमानों को रखने की जगह अभी तक तैयार नहीं हो पाई है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर हैंगर समेत दूसरे निर्माण कार्य चल रहे हैं। लेकिन, इस दौरान पैसों की कमी के चलते यहां होने वाले निर्माण के काम बेहद ही धीमी गति से चल रहे हैं और ठप होने की कगार पर हैं। राफेल एयरक्राफ्ट के लिए तैयार होने वाले हैंगर्स का काम इस साल अप्रैल तक पूरा होना था। लेकिन, अभी तक इसका महज 40 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है।

मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) का पैसा सरकार ने पिछले तीन सालों से बकाया रखा है। BAI से करीब 10,000 ठेकेदार जुड़े हैं। यह समूह रक्षा सेवाओं में निर्माण कार्यों की जरूरतों को पूरा करता है। हैंगर का काम करा रहे ठेकेदारों का कहना है कि आगे काम तभी पूरा हो पाएगा जब सरकार की तरफ से पैसा आएगा।

इसके अलावा पैसों की कमी की वजह से जम्मू-कश्मीर में जवानों के रहने के लिए बन रहे मकानों का काम भी अधूरा है। यहां पुंछ, बारामुला, रजौरी, डोडा, श्रीनगर, करगिल और लेह में फौजी जवानों के लिए मकान का काम पूरा होना था। बीएआई के मुताबिक देश भर में ठेकेदारों के करीब 2000 करोड़ रुपये का पेमेंट बकाया है। इसकी वजह से कई जगहों पर काम ठप है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीएआई के सदस्यों ने पिछले साल रक्षा मंत्री से पेमेंट के सिलसिले में मुलाकात भी की थी। तब दिवाली के दौरान सिर्फ 250 करोड़ रुपये जारी किए गए। जबकि, इस दौरान पूरा बकाया पैसा देने की बात कही गई थी।