Radhika Yadav Murder Case: राज्य स्तरीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। राधिका की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि पिता दीपक यादव ने गुड़गांव स्थित घर में गोली मारकर की थी। राधिका की हत्या के दो दिन बाद परिवार ने शनिवार को राधिका की हत्या की निंदा की और दावा किया कि उन्हें इस बात का पछतावा है।
दीपक यादव के बड़े भाई विजय ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, ‘जो कुछ भी हुआ वह गलत था। दरअसल, जब मैं थाने में उनक साथ था, तो दीपक ने पुलिस से कहा था, ‘मेरा बयान और एफआईआर ऐसे लिखो कि मुझे फांसी हो जाए। दीपक ने कहा कि उसने कन्या वध किया है।’
राधिका के पिता दीपक यादव को शनिवार को दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि वे इस स्तर पर जांच में शामिल होने के लिए किसी और को नहीं बुला रहे हैं।
घटना गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे हुई। जब 25 वर्षीय राधिका खाना बना रही थी, तभी दीपक ने कथित तौर पर अपनी पिस्तौल निकालकर उसे गोली मार दी। दीपक के भाई 46 वर्षीय कुलदीप, जो अपने परिवार के साथ ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं। उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी। वो तुरंत ऊपर भागे और राधिका को खून से लथपथ हालत में पाया।
हालांकि,शनिवार को परिवार ने उन अफवाहों को खारिज कर दिया कि किसी प्रेम प्रसंग पर आपत्ति जताना अपराध का कारण था। विजय ने आगे कहा कि हमारा परिवार अनपढ़ नहीं है, जो अंतर्जातीय विवाह के खिलाफ हो। अगर ऐसा कुछ था भी, तो गांव स्तर पर ही सुलझा लिया जाएगा।
दीपक के भाई 52 वर्षीय राजेश ने कहा कि उन्होंने उसके करियर के लिए अपना सब कुछ लगा दिया था, अपनी पूरी जरूरत खर्च कर दी थी। यह कैसे हुआ, हमें नहीं पता। उन्होंने आगे कहा कि यह घटना शायद क्षणिक गुस्से के कारण हुई।
कुलदीप ने आगे कहा कि किसी के भाग्य में जो लिखा है, उसे बदला नहीं जा सकता। घर में शांति थी। मैं अस्पताल पहुंचने के लिए दो लाल बत्तियां पार कर गया था।
विजय ने कहा कि भाग्य तो भाग्य ही है। वह दुःखी, दुखी, पश्चातापी और शर्मिंदा था। वह उसकी आंखों में आंखें डालकर, सामने से गोली नहीं चला सकता था।
कुलदीप की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के अनुसार, उन्होंने ड्राइंग रूम में दीपक का लाइसेंसी हथियार .32 बोर का रिवॉल्वर देखा। इसके बाद वह और उनका बेटा पीयूष राधिका को एक निजी अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
गुरुवार शाम पुलिस को दिए अपने बयान में दीपक ने कहा कि ऐसा कोई पारिवारिक मामला नहीं था जिसके चलते उसके भाई ने अपनी भतीजी की हत्या की। हालांकि, पुलिस के अनुसार, दीपक कथित तौर पर राधिका की सफलता को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। वह धीरे-धीरे युगल वर्ग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ रही थी, एक निजी अकादमी में कोचिंग कर रही थी, और हाई-प्रोफाइल क्लाइंट्स को व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षण दे रही थी।
पूछताछ के दौरान पुलिस ने बताया कि उसने बताया कि जब भी वह वजीराबाद स्थित अपने गांव में दूध खरीदने जाता था तो स्थानीय लोग उसे ताना मारते थे।
‘आपने मुझ पर ढाई करोड़ रुपये खर्च किए हैं…’; राधिका के इस कदर खिलाफ क्यों हो गए थे उसके पिता?
पुलिस प्रवक्ता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे पता चले कि उसके किसी रिश्ते या सोशल मीडिया पोस्ट पर आपत्ति अपराध का संभावित कारण हो। एफआईआर हत्या और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राधिका को चार गोलियां लगने की बात कही गई है। पोस्टमार्टम के बाद शव उसके परिवार को सौंप दिया गया था।
बता दें, 23 मार्च 2000 को जन्मी राधिका ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लिया थाऔर अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के रिकॉर्ड के अनुसार लड़कियों की अंडर-18 में 75वीं, महिला युगल में 53वीं और महिला एकल में 35वीं रैंकिंग हासिल की थी, जो उसके करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग थी। वहीं, राधिका की हत्या मामले में इनाम-उल-हक नाम के युवक ने जानिए क्या कहा? पढ़ें…पूरी खबर।
(इंडियन एक्सप्रेस के लिए अभिमन्यु हजारिका की रिपोर्ट)