q2 gdp data: भारत की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा झटका लगा है, दूसरी तिमाही के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। उनक आंकड़ों के मुताबिक दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर मात्र 5.4 फीसदी दर्ज की गई है, बड़ी बात यह है कि अनुमान तो 6.5 फीसदी का लगाया जा रहा था, लेकिन यहां तक आंकड़ा उम्मीद से भी काफी नीचे चला गया है। ऐसे में सरकार के लिए आने वाले दिनों में कई चुनौतियां खड़ी होने वाली हैं।
GDP: क्यों धीमी हुई भारत की विकास दर?
असल में दूसरी तिमाही को लेकर कहा जा रहा था कि जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रह सकती है जो पिछले 18 महीनों में सबसे कम मानी जाती। लेकिन यहां तो आंकड़ा उससे भी ज्यादा नीचे गया है। जानकारों का कहना है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में जो लगातार उछाल आ रहा है, उस वजह से शहरी इलाकों में खपत घटती जा रही है। उसका सीधा असर विकास दर पर देखने को मिल रहा है। अगर पहली तिमाही के आंकड़े की बात करें तो वो 6.7 फीसदी दर्ज किया गया था।
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आरबीआई का क्या अनुमान था?
वैसे आरबीआई ने भी जो अनुमान जाहिर किया था, वो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ज्यादा शुभ नहीं था। आरबीआई के मुताबिक भारत की विकास दर 7 फीसदी से कम रह सकती थी। लेकिन असल आंकड़े बता रहे हैं कि हालत और ज्यादा खराब हैं। वैसे अगर वित्त वर्ष के आंकड़ों की बात करें तो भारत की विकास दर 7.2 फीसदी से आगे बढ़ सकती है। 2023-24 में यह अनुमान 8.2 फीसदी था।
Share Market में मचेगा कोहराम?
जानकारी के लिए बता दें कि 5.4 से भी कम विकास दर 2022-23 के अक्टूबर-दिसंबर में दर्ज किया गया था, तब आंकड़ा 4.3 फीसदी रह गया था। वैसे इस धीमी रफ्तार के बाद भी दुनिया के लिहाज से भारत विकास दर के मामले में सबसे तेज देश है। इस साल चीन की तो जुलाई-सितंबर तिमाही में जीपीडी ग्रोथ 4.6 फीसदी दर्ज की गई है। इस लिहाज से जरूर भारत अभी मजबूत स्थिति में है, लेकिन कम होती विकास दर स्टॉक मार्केट पर भी असर डालने वाली है। माना जा रहा है कि इस विकास दर की वजह से निवेशकों को नुकसान हो सकता है। गुरुवार को भी शेयर मार्केट में कोहराम मच गया था जब Sensex धड़ाम होकर 1190 अंकों गिरा था, पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें