पुष्पा 2 स्टार अल्लू अर्जुन के लिए इस समय सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक तरफ फिल्म की अपार सफलता ने उन्हें बॉक्स ऑफिस की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है तो वहीं दूसरी तरफ संध्या थियेटर में हुई महिला की मौत की वजह से वे मुश्किलों में भी फंसते जा रहे हैं।

लेकिन इस पूरे मामले में कुछ हैरान कर देने वाली चीजें सामने आई हैं। एक ऐसा मुख्यमंत्री जो खुद को एक फिल्मी सितारे के साथ ना जोड़कर खुद को पीड़ित के परिवार के हितैषी के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहा है। दूसरी तरफ वो अल्लू अर्जुन जो एक तरफ अपने फैन्स को झुकने को कह रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मीडिया के सामने आकर लगातार सफाई पेश कर रहे हैं। इस पूरे मामले में तीसरी कड़ी हैदराबाद की पुलिस भी है जो लगातार अल्लू अर्जुन पर गंभीर आरोप लगा रही है।

इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की एप्रोच रही है। अगर वे चाहते तो आसानी से खुद को तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री के एक बड़े सुपरस्टार के साथ दिखा सकते थे। लेकिन उन्होंने यह छोड़कर खुद को एक कॉमन मैन की छवि के साथ जोड़ने का प्रयास किया। सीएम के करीबी ने तो कहा है कि मुख्यमंत्री की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया था कि कानून अपना फैसला खुद करेगा। यहां तक कहा गया है कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि कानून सभी के लिए एक समान रहे, इसी वजह से वे अल्लू के बजाय उस पीड़ित महिला के परिवार के साथ खड़े हुए हैं।

अगर इसे राजनीतिक चश्मे से समझने की कोशिश करें तो इस समय रेवंत रेड्डी अतिक्रमण के खिलाफ लगातार एक्शन ले रहे हैं। वहां भी अमीर लोगों की प्रॉपर्टी को निशाने पर लिया जा रहा है, ऐसे में पूरी कोशिश कर रहे हैं कि उनकी छवि एक आम आदमी से मेल खाए और जनता में संदेश चला जाए कि उनके मुख्यमंत्री गरीबों की आवाज उठाते हैं।

ऐसे में इस पूरे विवाद को एक्टर बनाम मुख्यमंत्री की लड़ाई के रूप में भी देखा जा रहा है। जिन लोगों ने पुष्पा 2 देख रखी है, उन्हें पता है कि फिल्म का प्लॉट भी कुछ ऐसा ही है जहां पर पुष्पाराज एक मुख्यमंत्री से सीधी टक्कर लेता है और फिर उसकी कुर्सी छीन लेता है।