Punjab Illegal Immigration: अमेरिका ने अपने सैन्य विमान C-17 Globemaster के जरिये अवैध रूप से वहां रह रहे भारतीयों को वापस भेज दिया। यह विमान बुधवार रात को उन्हें लेकर अमृतसर में उतरा। अमेरिका से अमृतसर तक का 40 घंटे का सफर इन लोगों के लिए बेहद मुश्किलों भरा था। वापस आए 104 भारतीयों में पंजाब के 30 लोग हैं। पंजाब पुलिस ने उन लोगों को उनके घर तक पहुंचाया।

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों ने बताया कि उन्होंने हवाई सफर में कितनी यातनाएं झेली। अमेरिकी सेना का विमान अमृतसर में उतरने से पहले फ्यूल भरने के लिए चार बार रुका।

एक इंच भी हिलने नहीं दिया: हरविंदर

अमेरिका से वापस भेजे गए हरविंदर ने बताया, ‘हमें 40 घंटे तक हथकड़ियों में रखा गया। हमारे पैरों में जंजीर बंधी हुई थी और हमें अपनी सीट से एक इंच भी हिलने नहीं दिया। कई बार लगातार गुहार लगाने के बाद हमें इस बात की अनुमति दी गई कि हम खुद को घसीट-घसीट कर वॉशरूम तक ले जा सके। विमान में मौजूद लोग टॉयलेट का दरवाजा खोलकर हमें अंदर धक्का दे देते थे।’

लाखों रुपये कर्ज लेकर गए थे अमेरिका, मुसीबत में डाली जान, बिखर गए सपने…

हरविंदर सिंह पंजाब के होशियारपुर जिले के ताहली गांव के रहने वाले हैं। उनकी उम्र 40 साल है। हरविंदर सिंह बताते हैं, ‘अमेरिका से भारत का यह सफर नरक से भी बदतर था। 40 घंटे तक हम सभी लोग ढंग से कुछ खा भी नहीं पाए।’

हरविंदर बताते हैं, ‘वे हमें हथकड़ी लगाकर ही खाने को मजबूर करते थे। हमने विमान में मौजूद लोगों से कहा कि कुछ मिनट के लिए हथकड़ी हटा दें लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी। यह हवाई सफर न सिर्फ शरीर को दर्द देने वाला था बल्कि दिमागी रूप से भी थका देने वाला था। हालांकि विमान में एक शख्स ऐसा भी था जो थोड़ा दयालु था और उसने हमें खाने के लिए फल दिए।’

हरविंदर बताते हैं कि पूरे हवाई सफर के दौरान वह सो नहीं सके क्योंकि 8 महीने पहले जब उन्होंने विदेश जाने का फैसला किया था तो अपनी पत्नी से एक बेहतर जिंदगी देने का वादा किया था। वह उन वादों के बारे में ही सोचते रहे। जून, 2024 में हरविंदर सिंह ने अपनी पत्नी कुलजिंदर कौर से बातचीत के बाद अमेरिका जाने का फैसला किया था।

रिश्तेदार ने कहा- विदेश भेज देंगे, 42 लाख लगेंगे

हरविंदर की शादी को 13 साल हो चुके हैं और उनके दो बच्चे हैं। वे लोग गाय-भैंस का दूध बेचकर जैसे-तैसे अपना घर चला रहे थे। इसी दौरान उनके एक रिश्तेदार ने उनसे कहा कि वे हरविंदर को 15 दिन में अमेरिका भेज देंगे और ऐसा डंकी रूट के जरिए नहीं बल्कि कानूनी तरीके से करेंगे। बदले में उन्हें इसके लिए 42 लाख रुपए देने होंगे। हरविंदर और उनकी पत्नी ने बहुत सोचा और इसके लिए पैसे जुटाए। उन्होंने अपनी एक एकड़ जमीन को गिरवी रख दिया और प्राइवेट ब्याज देने वाले लोगों से ऊंची दरों पर लोन ले लिया।

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8 महीने तक यहां से वहां घुमाते रहे

कुलजिंदर कौर बताती हैं कि 8 महीने तक उनके पति को एक देश से दूसरे देश में घुमाया गया लेकिन वह कभी भी अमेरिका तक नहीं पहुंच सके। इस दौरान हरविंदर ने अपनी मुसीबत के पलों को रिकॉर्ड किया और अपनी पत्नी को वीडियो भेजे। 15 जनवरी को कुलजिंदर ने आखिरी बार अपने पति से बात की थी।

ट्रेवल एजेंट के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत

जब इस बात का पता चला कि अमेरिका से उनके पति को डिपोर्ट किया जा रहा है तो यह कुलजिंदर के लिए झटका देने वाली खबर थी। कुलजिंदर बताती हैं कि जब हरविंदर से उनका संपर्क टूट गया था तो उन्होंने गांव की पंचायत में ट्रेवल एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

…हमारा सब कुछ लुट गया

कुलजिंदर कहती हैं, ‘हमारा सब कुछ लुट गया, हम सिर्फ अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य चाहते थे और अब हम सिर्फ कर्ज और दुख में ही डूबे हुए हैं।’ कुलजिंदर बताती हैं कि ट्रैवल एजेंट ने विदेश में रहने के दौरान उनके पति से खूब पैसे ऐंठे थे और ढाई महीने पहले जब उनके पति ग्वाटेमाला में थे तब भी उनसे 10 लाख रुपए ले लिए थे। हरविंदर के माता-पिता बुजुर्ग हैं। 85 साल के पिता और 70 साल की मां अभी भी खेतों में काम करते हैं।

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