नौ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना विषाणु संक्रमण के पॉजिटिव मामलों की दर राष्ट्रीय दर से कम होने के साथ ही देश में सबसे कम 1.92 फीसद पंजाब में है। वहीं, चंडीगढ़ में यह दर 4.86 फीसद है। कोरोना विषाणु संक्रमण के पॉजिटिव मामलों की दर राष्ट्रीय स्तर पर 6.73 फीसद है जबकि देश में दस लाख लोगों पर औसतन 6,859 जांच हो रही हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक केंद्र सरकार और राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों ने देश में कोरोना महामारी के प्रभावी प्रबंधन के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं। इनके तहत जांच की संख्या बढ़ाने, तेजी से संपर्कों की पहचान करने और समय पर मामलों के चिकित्सकीय प्रबंधन पर बल दिया गया है। इससे देश में पॉजिटिव दर में कमी आई है। वहीं, नौ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना मामलों में पॉजिटिव दर राष्ट्रीय दर से भी कम है। इनमें सबसे कम दर पंजाब की 1.92 फीसद है।

इसी तरह गोवा की 2.50 फीसद, राजस्थान की 2.51 फीसद, कर्नाटक की 2.64 फीसद, त्रिपुरा की 2.72 फीसद, असम की 2.84 फीसद, चंडीगढ़ की 4.86 फीसद और पुदुचेरी की 5.55 फीसद पॉजिटिव दर है। वहीं, अगर प्रति दस लाख पर औसत जांच की बात करें तो पुदुचेरी में 12,592, चंडीगढ़ में 9,090, असम में 9,987, त्रिपुरा में 10,941, कर्नाटक में 9,803, राजस्थान में 10,445, गोवा में 44,129 और पंजाब में 10,257 जांच हुई हैं।

दिल्ली में संक्रमण दर 30 से 10 फीसद पर : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में जांच की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी की गई। इसके बाद दिल्ली में पॉजिटिव दर 30 से घटकर 10 फीसद तक आ गई है। एक से पांच जून के बीच जहां औसत 5,481 जांच हुई थीं, वहीं एक से बाकी पांच जुलाई के बीच औसत 18,766 जांच हुई।

कोरोना जांच करोड़ के पार पहुंची
देश में कोरोना विषाणु संक्रमण के एक करोड़ से अधिक नमूनों की जांच हो चुकी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की ओर से बताया गया कि सोमवार सुबह 11 बजे तक कुल 1,00,04,101 लोगों की कोरोना विषाणु संक्रमण की जांच की गई है, जिनमें से 1,80,596 लोगों की जांच पांच जुलाई को की गई। परिषद के मुताबिक देश में कोरोना विषाणु संक्रमण के नमूनों की जांच के लिए अब कुल 1,105 प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें 788 सार्वजनिक क्षेत्र में जबकि 317 निजी क्षेत्र में हैं। एक जुलाई तक देश भर में कुल 90 लाख जांचें हो चुकी थीं।

परिषद के मुताबिक 25 मई तक जांच क्षमता तकरीबन 1.5 लाख प्रतिदिन थी जिसे बढ़ाकर अब तीन लाख प्रतिदिन कर दिया गया है। परिषद ने कहा कि जांच की शुरुआत केवल एक प्रयोगशाला, पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी), से जांच शुरू हुई थी और पूर्णबंदी की शुरुआत में प्रयोगशालाओं की संख्या 100 तक पहुंच गई थी।

आगे चलकर 23 जून को आइसीएमआर ने 1,000 जांच प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले कहा था कि केंद्र सरकार कोरोना विषाणु संक्रमण जांच क्षमता को बढ़ाने के लिए कई आवश्यक कदम उठा रही है। सरकार ने कहा है कि आइसीएमआर की ओर से सुझाए गए जांच के विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हुए सभी राज्य सरकारें, सरकारी और निजी संस्थाएं कोरोना की जांच के दायरे को बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। ‘जांच-निगरानी-उपचार’ की रणनीति को दोहराते हुए केंद्र ने पिछले सप्ताह कहा था कि कोरोना जांच प्रयोगशालाओं का पूरी तरह उपयोग सुनिश्चित किया जाए।

देश में कोरोना विषाणु संक्रमण के एक करोड़ से अधिक नमूनों की जांच हो चुकी है। सोमवार सुबह 11 बजे तक कुल 1,00,04,101 लोगों की कोरोना विषाणु संक्रमण की जांच की गई है, जिनमें से 1,80,596 लोगों की जांच पांच जुलाई को की गई। देश में कोरोना विषाणु संक्रमण के नमूनों की जांच के लिए अब कुल 1,105 प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें 788 सार्वजनिक क्षेत्र में जबकि 317 निजी क्षेत्र में हैं।
-भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद