भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ के बाद पंजाब बुरी तरह बेहाल है। राज्य के 9 जिले- पठानकोट, बटाला, गुरदासपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का, कपूरथला, अमृतसर, तरनतारन और होशियारपुर में सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर राहत अभियान चलाया जा रहा है।

भारी बारिश की वजह से चंडीगढ़ की सुखना झील के तीन में से दो गेटों को शुक्रवार सुबह खोल दिया गया क्योंकि यहां पानी का स्तर 1163 फीट के खतरे के निशान को पार कर गया था। पानी के स्तर की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और अधिकारियों को भी तैनात किया गया है।

बाढ़ प्रभावित कई इलाकों में स्वयंसेवक लोगों को खाना, राशन और ज़रूरी सामग्री बांट रहे हैं। सुलतानपुर लोधी, गुरदासपुर और फिरोजपुर में कैंप लगाकर लोगों को जरूरत की चीजें बांटी जा रही हैं।

पंजाब सरकार ने बताया है कि एसएसपी बचाव और राहत कामों में लगे हुए है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत शिविरों मे पहुंचाया जा रहा है। भारतीय वायु सेना ने फंसे हुए लोगों को बचाने और आवश्यक सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। ऐसे इलाके जो पानी में डूब गए हैं, वहां तक खाने के पैकेट पहुंचाने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने 46 फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला और 750 किलोग्राम से अधिक राहत सामग्री लोगों तक पहुंचाई गई है।

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मंत्रियों को सौंपी जिम्मेदारी

पंजाब सरकार ने बाढ़ के संकट से निपटने के लिए मंत्रियों को प्रभावित जिलों में तैनात किया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तब तक तैनात रहें जब तक कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में न आ जाए। मंत्रियों को लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालने, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की निगरानी करने सहित अन्य कामों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने संगरूर और मानसा के उपायुक्तों के साथ हालात की समीक्षा की है। चीमा ने अफसरों से कहा है कि बाढ़ प्रभावित इलाको में लोगों की मुश्किलें कम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए।

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