पंजाब में एक चलती बस में एक महिला और उसकी किशोरी बेटी से छेड़छाड़ की गई और फिर उन्हें बाहर धकेल दिया गया जिसमें लड़की की मौत हो गई। हादसे में उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गई। बस सत्तारूढ़ बादल परिवार की थी। इस घटना के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है।
पुलिस ने बताया कि यह दुखद घटना बुधवार शाम को मोगा जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर मोगा-कोटकपूरा मार्ग पर गिल गांव के पास हुई। इस सिलसिले में बस के चालक, क्लीनर और कंडक्टर सहित चार लोगों को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया।
महिला, अपनी बेटी और बेटे के साथ मोगा से बाघापुराना जा रही थी। बस लगभग खाली थी और आरोपियों ने उनसे छेड़छाड़ शुरू कर दी जबकि मां-बेटी उनसे छोड़ देने की गुहार लगा रही थीं। उनका बेटा भयाक्रांत होकर घटना को देख रहा था। नि:स्तब्ध बच्चे को पुलिस ने गुरुवार को परिवार को सौंप दिया।
38 साल की महिला और उसकी बेटी को मोगा सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां लड़की को मृत घोषित कर दिया गया। मोगा के पुलिस अधीक्षक (डिटेक्टिव) एचएस पन्नू के मुताबिक, पुलिस को दिए अपने बयान में जख्मी महिला ने कहा कि उसके साथ और उसकी लड़की से कंडक्टर, क्लीनर और एक अन्य व्यक्ति ने चलती बस में छेड़छाड़ की और फिर उन्हें बाहर फेंक दिया।
इससे पहले की खबरों में पुलिस ने बताया था कि छेड़छाड़ से बचने के लिए दोनों वाहन से कूद गई थीं। पंजाब पुलिस के प्रमुख सुमेध सैनी ने कहा कि कंडक्टर सुखमिंदर सिंह, क्लीनर गुरदीप सिंह और उनके परिचित एक अन्य अज्ञात व्यक्ति अमरजीत सिंह वास्तविक षड्यंत्रकर्ता हैं जबकि चालक रणजीत सिंह को कथित घटना के वक्त गाड़ी चलाने के कारण अपराध को लेकर गिरफ्तार किया गया है।
सैनी ने बताया कि घटना के सिलसिले में भादंसं की धारा 302 और 307 (हत्या का प्रयास), 354 (महिला का शीलभंग करने के उद्देश्य से हमला या आपराधिक जबर्दस्ती करना), 34 (साझा मंशा) सहित संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि बस को जब्त कर लिया गया है।
पीड़ित महिला से बात करने और जांच की निगरानी करने के लिए आइजी रैंक की अधिकारी गुरप्रीत कौर देओल को मोगा भेजा गया है जबकि अतिरिक्त डीजीपी (अपराध) को व्यक्तिगत तौर पर जांच की निगरानी करने के लिए कहा गया है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक ने कहा कि बस आॅरबिट एविएशन कंपनी की थी जो बादल परिवार की है। सैनी ने कहा-मुझे बस के मालिकाना हक के बारे में पता नहीं है लेकिन मेरा मानना है कि यह सुखबीर सिंह बादल और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम है। लेकिन कौन मालिकान हैं, यह नहीं पता। प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री हैं, उनके बेटे सुखबीर उपमुख्यमंत्री हैं जबकि उनकी पुत्रवधू हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय मंत्री हैं।
घटना की खबर फैलते ही बादल परिवार विपक्ष के निशाने पर आ गया। कांग्रेस ने घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की है और दावा किया है कि परिवार के दबदबे के कारण स्थानीय अधिकारी ठीक से काम नहीं कर पाएंगे। मोगा में जख्मी महिला से मुलाकात करने वाले पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को घटना का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।
उन्होंने कहा-जिला प्रशासन और पुलिस इस परिवहन कंपनी के खिलाफ कभी कार्रवाई नहीं करेगी। मुख्य न्यायाधीश से मेरा आग्रह है कि न्याय के हित में मानवता के आधार पर मामले का स्वत: संज्ञान लें और समयबद्ध न्यायिक जांच के आदेश दें। विपक्ष के निशाने पर आए प्रकाश सिंह बादल ने स्वीकार किया कि बस उनके परिवार की कंपनी की है लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मामलों में कभी भी रुचि नहीं ली और न ही कंपनी के कार्यालय में गए।
घटना को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण व दुखद बताते हुए बादल ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और जख्मी महिला के बयान के आधार पर अन्य धाराएं जोड़ दी गई हैं। पांच बार के 87 वर्षीय मुख्यमंत्री ने कहा-मैं सहमत हूं कि यह गंभीर अपराध है। लेकिन मैं क्या कर सकता हूं जब किसी और ने अपराध किया है। यह सुनकर मुझे दुख हुआ। पूरी मानवता को दुख हुआ है।
उनकी पुत्रवधू और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी घटना की निंदा की और कहा कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है और राज्य सरकार तय करेगी कि दोषियों को सजा मिले। दुखद घटना की गूंज आज लोकसभा में भी सुनी गई जहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गए जिससे थोड़ी देर के लिए सदन को स्थगित कर दिया गया।
पंजाब से आप के सांसद भगवंत मान ने मांग की कि बादल परिवार मुद्दे पर सफाई दे और आरोप लगाया कि राज्य अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बन गया है। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता अमरिंदर सिंह ने भी घटना की निंदा की और कहा कि यह कानून व्यवस्था की खराब होती स्थिति को दर्शाता है। अमरिंदर ने कहा-मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारे पंजाब में इस तरह की घटना हुई है कि कोई भी असहाय मां और बेटी को बचाने आगे नहीं आया।
मेरे परिवार के कंपनी की बस : मुख्यमंत्री
विपक्ष के निशाने पर आए पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने स्वीकार किया कि बस उनके परिवार की कंपनी की है लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मामलों में कभी भी रुचि नहीं ली और न ही कंपनी के कार्यालय में गए। बादल ने कहा, ‘हां दुर्भाग्य से बस हमारी कंपनी की है। मैं कभी इस कंपनी के आॅफिस नहीं गया। मैं सुखबीर से बात करूंगा’। बादल की पुत्रवधू हरसिमरत कौर बादल ने भी मोगा कांड की भर्त्सना करते हुए इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
सरकार करे कबूल, पुलिस कहे नहीं मालूम:
पंजाब पुलिस के प्रमुख सुमेध सैनी ने कहा कि बस ऑरबिट एविएशन कंपनी की थी जो बादल परिवार की है। सैनी ने कहा-मुझे बस के मालिकाना हक के बारे में पता नहीं है लेकिन मेरा मानना है कि यह सुखबीर सिंह बादल और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम है। लेकिन कौन मालिकान हैं, यह नहीं पता।
केंद्र ने पंजाब से मांगी रिपोर्ट:
केंद्र ने पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से कहा है कि घटना में गंभीर रूप से घायल हुई लड़की की मां के इलाज और सुरक्षा के लिए सभी उचित कदम उठाए जाएं।