पंजाब पुलिस ने ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह के एक सहयोगी कुलवंत सिंह राउके छह दिन की पैरोल दी है। पंजाब पुलिस ने बताया कि कुलवंत सिंह के चाचा का निधन हो है, इसीलिए उसे यह छूट दी गई है। सब इंस्पेक्टर मंजीत सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि राउके असम की डिब्रूगढ़ जेल से मोगा में अपने गांव जाएगा।
मार्च 2023 में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन पर कार्रवाई के बाद से कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह और संगठन के नौ अन्य सदस्यों को डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। तब से अब तक राउके पहला सदस्य है जो कुछ दिन के जेल से बाहर आ रहा है।
9 सदस्य हैं कैद
पंजाब पुलिस ने ‘वारिस पंजाब दे’ पर बड़ी कार्रवाई करते हुए संगठन के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था। सबसे रोचक गिरफ्तारी अमृतपाल सिंह की थी, जिसे कई दिन की फ़रारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल के अलावा असम की जेल में दलजीत सिंह कलसी, पपलप्रीत सिंह, वरिंदर सिंह जोहल, गुरुमीत सिंह बुक्कनवाला, हरजीत सिंह, भगवंत सिंह, बसंत सिंह और गुरिंदरपाल सिंह औजला बंद हैं।
कौन है कुलवंत सिंह राउके और क्या है पिता की कहानी?
गिरफ्तारी से पहले कुलवंत सिंह राउके पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) में क्लर्क था। राउके के पिता को कथित तौर पर 1993 में सिख उग्रवाद के दौरान पुलिस ने उठा लिया था तब से उनका कोई अता-पता नहीं है।
वारिस पंजाब दे के सक्रिय सदस्य राउके को अमृतपाल सिंह का करीबी माना जाता है क्योंकि वह संगठन के सभी कार्यक्रमों में शामिल था। 23 फरवरी, 2023 को अमृतपाल और उनके समर्थकों द्वारा कथित तौर पर अजनाला पुलिस स्टेशन परिसर में धावा बोलने के बाद वारिस पंजाब दे के सदस्यों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे और इसके बाद उनपर बड़ी कार्रवाई हुई।