Puducherry News: पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने सोमवार (29 अगस्त, 2022) को प्रादेशिक विधानसभा में बडी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि 100 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को 7,000 रुपये की महीने की सहायत राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री रंगासामी विपक्ष के डीएमके नेता आर शिवा द्वारा प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए प्रश्न का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पांडिचेरी में शतायु वाले लोग बहुत ही कम हैं, ऐसे में उन्हें सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री रंगासामी ने कहा, ‘यहां केवल सात लोग हैं, जिन्होंने 100 साल की आयु पूरी की है और उन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा सहायता दी जाएगी, जिसे वृद्ध व्यक्तियों के लिए वृद्धावस्था पेंशन देने का कार्य सौंपा गया है।’
वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली सहायता में बढ़ोतरी
इसके अलावा, रंगासामी ने यह भी कहा कि सरकार 95 वर्ष और 100 वर्ष के आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली सहायता को 3,500 रुपये से बढ़ाकर 4,000 रुपये प्रति माह करेगी। उन्होंने कहा कि मासिक सहायता के लिए विभिन्न श्रेणियों के तहत प्राप्त 15,000 आवेदनों को जल्द ही मंजूरी दी जाएगी और इन अतिरिक्त लाभार्थियों को एक महीने में सहायता मिलेगी।
गृह एवं शिक्षा मंत्री ए नमस्सिवयम ने कांग्रेस सदस्य एम वैथियानाथन को बताया कि छात्रों ने पॉलिटेक्निक कॉलेजों में कोर्स करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, इसलिए प्रशासन ने यहां महिला पॉलिटेक्निक को इंजीनियरिंग कॉलेजों में बदल दिया था। उन्होंने महिला पॉलीटेक्निक को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट करने की संभावना से भी इंकार किया।
वैथियानाथन ने कहा कि उन्होंने एक अध्ययन किया और पाया कि छात्र पॉलिटेक्निक कॉलेजों में पाठ्यक्रम करने के इच्छुक थे। उन्होंने कहा कि माता-पिता चाहते थे कि संस्थान बिना बंद के काम करें। नमाशिवयम ने द्रमुक के उप नेता प्रतिपक्ष एएम नज़ीम को बताया कि सरकार ने केंद्र से क्षेत्रीय सरकार को बी, सी और डी श्रेणियों के तहत आने वाले पदों के लिए स्थानीय स्तर पर कर्मचारियों की भर्ती के लिए यूटी में एक सेवा आयोग बनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। संघ लोक सेवा आयोग ग्रेड ए पदों के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति कर सकता है।
सत्तारूढ़ एआईएनआरसी और विपक्षी ब्लॉक दोनों के सदस्यों ने सदन को सूचित किया कि यूपीएससी के माध्यम से भर्ती किए गए और शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों में पुडुचेरी में तैनात अधिकांश कर्मचारी देश के उत्तरी भाग से हैं।
