Modi Government Cabinet Minister Smriti Irani: स्मृति ईरानी आज देश की केंद्रीय मंत्री हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का दुर्ग माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा क्षेत्र से देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी को शिकस्त दी। आज भले ही स्मृति ईरानी का सितारा बुलंदियों को छू रहा है लेकिन एक वक्त ऐसा था भी था जब ‘अच्छा व्यक्तित्व’ की कमी को वजह बताते हुए उन्हें एयर होस्टेस की नौकरी नहीं दी गई थी। इसके बाद उन्होंने फूड चेन मैक डोनॉल्ड में काम किया था। यह बात वर्ष 1990 की है, जब स्मृति मुंबई में कुछ करने के लिए संघर्ष कर रही थी। उस समय फास्ट फूड चेन पर काम करने के दौरान स्मृति ईरानी के वेतन से भविष्य निधि में जो पैसे कटे थे, अब उस सर्टिफिकेट की जल्द ही नीलामी होगी। इस नीलामी से जो पैसे मिलेंगे, वह महिला कारीगरों के समूह को दी जाएगी।

एचटी की रिपोर्ट के अनुसार, इस नीलामी का अयोजन सूती वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद (TEXPROCIL) द्वारा किया जाएगा। कपड़ा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि जिन महिला कारीगरों के समूह को नीलामी से प्राप्त रकम देनी है, उनकी पहचान के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह सब 1990 के दशक में मैकडॉनल्ड्स के कर्मचारी के रूप में अपने समय के बारे में ईरानी और TEXPROCIL के अधिकारियों के बीच एक बातचीत के दौरान शुरू हुई। उस समय स्मृति ईरानी का वेतन 1800 रुपये था।

मैक डोनाल्ड में नौकरी करने के बाद स्मृति ईरानी ने टीवी का रूख किया। क्योंकि सास भी कभी बहू थी, जैसे धारावाहिक से वे टीवी की एक जानी-पहचानी चेहरों में शामिल हो गईं। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्हें मिला हुआ भविष्य निधि का पैसा आज भी खाते में उसी तरह पड़ा हुआ है।

मुंबई स्थित TEXPROCIL के सदस्य ने कहा कि वे स्मृति ईरानी का पीएफ सर्टिफिकेट खुद खोज रहे हैं। उन्होंने कहा, “एक बार जब हमने उन्हें बताया कि हमें उसके नाम के तहत अकाउंट मिला है, तो हमने चर्चा की कि महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए इसे किस तरह से उपयोग किया जा सकता है। तब इस सर्टिफिकेट की नीलामी का निर्णय लिया गया और इससे मिलने वाले पैसे को मंत्रालय को देने का फैसला किया गया।” इस पूरे मामले पर मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह योजना है, लेकिन अभी तक इसे अंतिम स्वरूप नहीं दिया गया है।