पड़ोसी देश नेपाल में चल रही जबरदस्त अस्थिरता और हिंसा के माहौल के बीच सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) बी. आर. गवई ने बड़ा बयान दिया है। गवई ने कहा, “हमें अपने संविधान पर गर्व है, जब हम पड़ोसी देशों में हो रही घटनाओं को देखते हैं, जैसे कल नेपाल में हुआ।” जस्टिस विक्रम नाथ ने भी बांग्लादेश में पिछले साल हुए इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हां, बांग्लादेश में भी…।’’

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CJI की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच जिसमें जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा और जस्टिस ए. एस. चंदुरकर भी शामिल हैं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिए गए संदर्भ के मामले की सुनवाई कर रही थी।

यह संदर्भ उस फैसले से जुड़ा है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अप्रैल में राष्ट्रपति और राज्यपालों के द्वारा राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर कार्रवाई करने के लिए डेडलाइन तय की थी। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 मई को संविधान के अनुच्छेद 143 के तहत सुप्रीम कोर्ट को एक संदर्भ भेजा था। इसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर स्पष्टीकरण मांगा गया था।

कौन हैं सुशीला कार्की जिन्हें Gen Z प्रदर्शनकारियों ने चुना नेपाल की अंतरिम PM

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बड़े पैमाने पर सरकार-विरोधी प्रदर्शनों के बाद मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले Gen Z प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया था।

GEN Z प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन में हिंसा

नेपाल में GEN Z प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था जिसमें अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,000 से ज्यादा घायल हैं। Gen Z प्रदर्शनकारियों ने अब सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया है।

उग्र प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी। हिंसक आंदोलन के बाद केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

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