बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए विवादित बयान को लेकर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भारत के कई शहरों में उग्र प्रदर्शन हुए। उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल समेत कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुए। कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और वाहनों में आग लगा दी। इसके साथ ही नूपुर शर्मा को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की गई। जिसके बाद एक टीवी डिबेट के दौरान राजनीतिक विश्लेषक सुशील पंडित ने कहा कि इस देश में जिहाद की कोई सजा नहीं है।
एंकर ने जब पूछा कि सबकी भावनाएं एक साथ, एक टाइम पर दोपहर 1 बजे कैसे आहत हो रही हैं? इस सवाल के जवाब में सुशील पंडित ने कहा कि इस देश में जिहाद की क्या कोई सजा है? क्या हत्या की धमकी देने की कौन सी सजा है? उन्होंने आगे कहा, “जब इस देश में न जिहाद की सजा है, न खुलेआम सर तन से जुदा कर देने की धमकी देने की कोई सजा है। तो फिर हमें और आपको यह सजा मिलती है कि हम आए जुमे इसे देखें। ये नजारा देखें और सरकारी संपत्ति, जान और माल का नुकसान देखें।”
सजा का कोई प्रावधान नहीं: सुशील पंडित ने आगे कहा, “इस देश में आज तक कश्मीर से निकाले गए लोगों को न्याय नहीं मिला है तो सजा की तो आप बात छोड़ दीजिए। जब यहां सजा का कोई प्रावधान नहीं है तो हमें सजा मिलती रहेगी।” उन्होंने कहा कि हमें सजा न देने की सजा मिलती रहेगी। इस दौरान माजिद हैदरी ने कहा कि लक्ष्मण रेखा पार हो गयी थी। जिसके बाद सुशील पंडित ने माजिद हैदरी को जुमे की नमाज़ के बाद लगे नारों पर आईना दिखाया।
ये दबाव बनाने की मानसिकता: सुशील पंडित ने कहा, “एक बात कहना लक्ष्मण रेखा पार करना है और लोगों को जान से मार देना, हत्या करना लक्ष्मण रेखा पार करना नहीं है?” उन्होंने आगे कहा, “अगर आपके दिमाग में कोई फितूर है उसके लिए आप कत्लेआम कर देंगे? सड़कों पर उतर आएंगे, पत्थर चलाएंगे और घर जला देंगे।” सुशील पंडित ने आगे कहा, “ये जो दबाव बनाने की मानसिकता है, हिंसा के द्वारा अपनी बात मनवाने की मानसिकता है। उस मानसिकता के सामने घुटने टेकने और फिरौती अदा करने की कीमत चुका रहे हैं हम।”
इस दौरान प्रोफेसर संगीत रागी ने कहा कि अगर इस देश के सभी हिंदू सामने आकर ये कहें कि हमारे इतने सारे मंदिर तोड़े गए हैं, हम नहीं मानते, हम न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास नहीं करते तो क्या होगा इस देश का? उन्होंने आगे कहा, “इस देश का मुसलमान इस बात से खुश है कि कतर ने आपको ये कहा, कुवैत ने आपको वो कहा। अरे इन देशों की औकात क्या है हमारे सामने? अगर तेल नहीं होता तो ये नारकीय जीवन जी रहे थे।”