एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले के बाद नुपूर शर्मा की चौतरफा आलोचना हो रही है। तमाम राजनीतिक दलों और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नुपूर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है जबकि भीम आर्मी के सतपाल तंवर ने नूपुर शर्मा को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की है और कहा है कि नुपूर शर्मा की जुबान काटकर लाने वाले को 1 करोड़ का ईनाम दिया जाएगा। दूसरी तरफ, वरिष्ठ वकील रिजवान अहमद ने उसी टीवी डिबेट का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि क्या शिवलिंग के लिए अनैतिक भाषा का इस्तेमाल हुआ था या नहीं और अगर हुआ था तो ऐसी भाषा बोलने वाले के खिलाफ चुप्पी क्यों है? केवल नुपूर शर्मा के खिलाफ ही सारा गुस्सा क्यों?
टाइम्स नाउ नवभारत पर एक डिबेट के दौरान रिजवान अहमद ने मुस्लिम धर्मगुरुओं और उन तमाम लोगों को आड़े हाथों लिया जो नुपूर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। वरिष्ठ वकील ने इनकी मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर उस डिबेट में शिवलिंग के लिए अनैतिक भाषा का इस्तेमाल हुआ था, तो उस शख्स का नाम लेकर फतवा क्यों नहीं जारी करते? क्यों नहीं उस शख्स को अपनी जात से बाहर करते हो? उसके लिए क्यों नहीं कहते कि जुबान काट लेंगे?”
रिजवान अहमद बुरी तरह भड़के हुए थे। उन्होंने कहा, “तुम लोग ऐसा इसलिए नहीं कहते हो क्योंकि तुम लोग झूठे हो, तुम लोग फरेबी हो।” ‘फेस टू फेस’ में रिजवान अहमद ने नुपूर शर्मा को निशाना बनाए जाने पर आपत्ति जताई और कहा, “पूरी डिबेट को पब्लिक कर दो और जनता को फैसला करने दो कि किसने पहले गलती की और फिर उसके हिसाब में दोनों को सजा मिले। केवल एक महिला नुपूर शर्मा को निशाना न बनाओ।”
नुपूर शर्मा को किसने उकसाया? – रिजवान अहमद
उन्होंने कहा, “अगर बोलना है तो रहमानी-नुपूर बोलो, अकेले नुपूर शर्मा न बोलो। तब तुम इमान वाले होगे और सच्चे होगे।” रिजवान अहमद कहते हैं, “रामनवमी पर गलत नारेबाजी पर मुसलमान भड़क गए, नुपूर शर्मा ने गलत भाषा का इस्तेमाल कर दिया तो कानपुर में पत्थरबाज भड़क गए, लेकिन कोई ये पूछने की हिम्मत नहीं कर रहा है कि नुपूर शर्मा को किसने उकसाया? जब मैं यह पूछ रहा हूं तो सब कहते हैं कि पुलिस अपना काम करेगी।”