पूर्व बीजेपी नेता नुपूर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद देश और दुनिया भर में इसको लेकर नाराजगी जताई जा रही है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नुपूर शर्मा के बयान के विरोध में प्रदर्शन हुआ। इस दौरान दिल्ली, सहारनपुर, प्रयागराज, मुंबई, हावड़ा, तेलंगाना और मुरादाबाद में भीड़ सड़कों पर उतर आई और जमकर बवाल काटा। इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देशभर के मौलानाओं के नाम चिट्ठी लिखी है और उनसे कहा है कि वे टीवी डिबेट का बहिष्कार करें।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस चिट्ठी के जरिए कहा है कि मुस्लिम बुद्धिजीवी टीवी डिबेट्स में शामिल न हों। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने पत्र में कहा है कि उलेमा, मौलाना उन टीवी चैनलों की बहस और डिबेट्स में भाग न लें जिनका उद्देश्य केवल इस्लाम और मुसलमानों का मजाक उड़ाना है। इसमें कहा गया है कि इन कार्यक्रमों का उद्देश्य रचनात्मक चर्चा के माध्यम से किसी नतीजे पर पहुंचना नहीं बल्कि इस्लाम और मुसलमानों का उपहास करना और मजाक उड़ाना है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने प्रेस नोट में कहा है कि बोर्ड अध्यक्ष मौलाना सैयद मुहम्मद राबेअ हसनी नदवी, उपाध्यक्ष मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी, मौलाना सैयद शाह फखरुद्दीन अशरफ, मौलाना सैयद अरशद मदनी, डॉ. सैयद अली मुहम्मद नकवी ने साझा बयान में उलेमाओं और बुद्धिजीवियों से अपील की है कि वे उन टीवी चैनलों की डिबेट्स में हिस्सा न लें जिनका मकसद केवल इस्लाम और मुसलमानों का मजाक उड़ाना है।

इसमें आगे कहा गया है कि ये चैनल अपनी तटस्थता साबित करने के लिए मुस्लिम चेहरे को भी डिबेट्स में शामिल करना चाहते हैं और हमारे उलेमा-बुद्धिजीवी अज्ञानतावश इस साजिश का शिकार हो जाते हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि इन कार्यक्रमों और चैनलों का बहिष्कार करने से उनकी टीआरपी कम होगी और साथ ही वे अपने उद्देश्य में बुरी तरह विफल भी होंगे।