राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक स्पेशल कोर्ट ने 2010 में केरल के एक कॉलेज प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ काटने के मामले में 11 आरोपियों में से 6 को दोषी पाया है। जज अनिल भास्कर ने यह फैसला सुनाया है। आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत हत्या के प्रयास, साजिश और कई अन्य अपराधों का दोषी पाया गया है।
क्या था मामला?
यह मामला कोच्चि के न्यूमैन कॉलेज, थोडुपुझा के मलयालम विभाग के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर जोसेफ से जुड़ा है। जिनका हाथ यह कहकर काट दिया गया था कि प्रोफेसर ने एक ऐसा पेपर तैयार किया है जिसमें प्रोफेट मुहम्मद का अपमान किया गया है।
4 जुलाई 2010 को कुछ लोगों के एक ग्रुप ने प्रोफेसर जोसेफ और उनके परिवार पर उस समय हमला किया जब वे चर्च जा रहे थे, और उनका दाहिना हाथ काट दिया और बाएं पैर में चाकू मार दिया था। शुरुआत में इस घटना के संबंध में 31 लोगों पर मुकदमा चलाया गया था और उनमें से 13 को 2015 में दोषी पाया गया था।
पहली सुनवाई के बाद भाग गए थे 11 आरोपी
प्रोफेसर जोसेफ के हाथ काटने से जुड़े इस मामले में सुनवाई के दौरान 11 लोगों पर मुकदमा चलाया गया था। यह 11 लोग पहले चरण की सुनवाई खत्म होने के बाद भाग गए थे और बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। इन 11 व्यक्तियों में साजिल, एम के नसर, शफीक, नजीब के ए, अजीज ओडक्कल, सुबैर टी पी, एम के नौशाद, मंसूर, पी पी मोइदीन कुंजू, मोहम्मद रफी और पीएम अयूब शामिल है।
6 दोषी करार अन्य बरी
इन 11 आरोपियों में से फिलहाल नासर, साजिल, नजीब, नौशाद, कुंजू और अयूब को दोषी पाया गया है, जबकि शफीक, अजीज, रफी, सुबैर और मंसूर को बरी कर दिया गया है। मुख्य आरोपी अशमनूर सवाद अभी भी फरार है। मामले की शुरुआत में केरल पुलिस ने जांच की थी और बाद में 9 मार्च, 2011 को एनआईए ने इसे अपने हाथ में ले लिया था।