निर्वाचन आयोग ने इसके लिए कार्य योजना तैयार की है और सभी राज्यों के निर्वाचन अधिकारियों को इन आदेशों की प्रति भेजी गई है। तय योजना के मुताबिक 1500 से अधिक मतदान केंद्र को नए सिरे से तैयार किया जाएगा। प्रक्रिया की शुरुआत अधिकारियों को दी जाने वाले विशेष प्रशिक्षण से की जाएगी। इसके बाद जमीनी स्तर पर निर्वाचन आयोग के अधिकारी घर घर जाएंगे और मतदाता सूचियों की जांच करेंगे।
जांच के बाद नए मतदाताओं को शामिल किए जाने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस प्रक्रिया में निर्वाचन आयोग ने देश के पांच राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को बाहर रखा है। इनमें छत्तीस गढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना राज्य शामिल हैं। आयोग की प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद जनवरी के पहले सप्ताह में नई मतदाता सूची तैयार होने की संभावना जताई जा रही है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय मतदाता दिवस ( 25 जनवरी) तक इस सूची को तैयार कर लिया जाएगा। इस पूर्व प्रक्रिया में सबसे अहम प्रक्रिया युवा मतदाता (18 से 19 वर्ष) पर केंद्रित होगी ताकि किसी भी राज्य में कोई भी नया मतदाता न छूटे।
इस प्रक्रिया में लगने वाले अधिकारियों को एक विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा और यह प्रक्रिया आगामी 21 जुलाई से शुरू हो जाएगी। इसमें बूथ स्तर के अधिकारी को बताया जाएगा कि किस प्रकार से नए मतदाताओं को सूची में शामिल करना है और कौन से दस्तावेज को इसका आधार बनाया जा सकता है। इसी प्रशिक्षण में बीएलओ को मतदाता सूची की तकनीकी खामियों को दूर करने और नई मतदाता सूची तैयार करने के संबंध में बताया जाएगा।
आयोग के लक्ष्य के मुताबिक देश के लिए नई मतदाता सूची का ड्राफ्ट रोल अक्तूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह तक जारी कर दिया जाएगा और इसके बाद भी दिसंबर तक इस मतदाता सूची पर आम जनता से आने वाले सुझाव और आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा।
इसके बाद आखिरी मतदाता सूची को पांच जनवरी 2024 तक जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।