खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ की कथित राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के कारण सरकार ने इस समूह पर बुधवार को प्रतिबंध लगा दिया। अमेरिका स्थित ‘द सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) अपने अलगाववादी एजेंडे के तहत सिख जनमत संग्रह 2020 पर जोर देता है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एसएफजे को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया। इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि समूह खुलेआम खालिस्तान का समर्थन करता है और इस तरह भारत की सम्प्रभुता और अखंडता को चुनौती देता है।
इससे पहले गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पंजाब पुलिस और एनआईए ने सिख फॉर जस्टिस से कई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। इस बात का भी खुलासा हुआ था कि यह संगठन पंजाब में कई राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल था। जांच में सामने आया कि संगठन से जुड़े लोगों को एसएफजे हैंडलर गुरपतवंत सिंह पन्नू, हरमीत सिंह और परमजीत सिंह पम्मा की तरफ से फंड मिलता था।
MHA Sources: Sikhs for Justice (SFJ) & its secessionist campaign referendum 2020 is supported by Pak. Official website of SFJ & referendum 2020 were sharing & sourcing content from Karachi based website of a number of SFJ activists were also linked with same Pakistani websites. https://t.co/lZVTJULlz6
— ANI (@ANI) July 10, 2019
सिख फॉर जस्टिस और इससे जुड़े अलगाववादी पाकिस्तान समर्थित जनमत संग्रह 2020 अभियान चला रहे थे। एसएफजे की आधिकारिक वेबसाइट और जनमत संग्रह 2020 कराची स्थित वेबसाइट के कंटेट को शेयकर कर रही थी। इसके अतिरिक्त एसएफजे एक्टिविस्ट भी पाकिस्तानी वेबसाइट से जुड़े थे।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार के एसएफजे पर प्रतिबंध लगाने के इस फैसले का स्वागत किया है। अमरिंदर ने कहा कि सिख फॉर जस्टिस जैसे गैरकानूनी संगठन को प्रतिबंधित करके भारत सरकार ने आईएसआई के इशारे पर काम करने वाले देशद्रोहियों और अलगाववादियों के खिलाफ अपनी मंशा को स्पष्ट कर दिया है।
इससे पहले सुरक्षा एजेंसियों लंबे समय से खालिस्तान ग्रुप सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। बताया जा रहा था कि यह संगठन ही कथित तौर पर खालिस्तान जनमत संग्रह में शामिल होने के लिए आने वाले लोगों को मुफ्त हवाई टिकट दे रहा था।