प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में जाति फैक्टर के साथ ही आने वाले समय में चुनाव वाले राज्यों का बेहतरीन संतुलन बनाने की कोशिश की गई है। गौर करने वाली बात दो जूनियर मंत्रियों गिरिराज सिंह और गजेंद्र सिंह शेखावत का कैबिनेट रैंक में प्रमोशन होना है। दोनों मंत्री भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के काफी करीबी माने जाते हैं।
फायरब्रांड हिंदुत्व का चेहरा माने जाने वाले गिरिराज सिंह बेगूसराय से सीपाई के कन्हैया कुमार को हराकर संसद पहुंचे हैं। वहीं शेखावत इससे पहले आरएसएस में कई पदों पर रह चुके हैं। वे जोधपुर से 2014 में भी चुनाव जीते थे। पिछली कैबिनेट में रक्षा मंत्री रही निर्मला सीतारमण का भी प्रमोशन हुआ है। उनका रैंकिंग प्रोटोकॉल 24 से बढ़कर 5 हो गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने के बाद भी स्मृति ईरानी ने निर्मला सीतारमण के बाद 14वें नंबर पर शपथ ग्रहण किया पिछली सरकार में राज्य मंत्री रहे राव इंद्रजीत सिंह, किरेन रिजिजू और मनसुख लाल मांडविया का प्रमोशन देकर राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है।
मोदी ने अपने कैबिनेट में अहीर समुदाय के राव इंद्रजीत के साथ ही दलित नेता रतन लाल कटारिया को भी शामिल किया है। कटारिया ने हरियाणा के अंबाला के कांग्रेस की नेता कुमार सैलजा को हराया है। रिजिजू को कैबिनेट में बनाए रखते हुए पार्टी ने इस बात के संकेत दिए हैं कि पूर्वोत्तर उसकी प्राथमिकता में शीर्ष में बना हुआ है।
महाराष्ट्र को सबसे अधिक तवज्जोः मंत्रिमंडल में शामिल नए चेहरों में सबसे अधिक तवज्जो महाराष्ट्र को दिया गया है। महाराष्ट्र से 3 मंत्री बनाए गए हैं। इसके बाद कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश का स्थान है। इन राज्यों से 2-2 मंत्री बनाए गए हैं। महाराष्ट्र में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
नए मंत्रियों में प्रताप सारंगी आर्थिक रूप से सबसे गरीब है। बालासोर से सांसद बने सारंगी बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से हैं। बिहार से नित्यानंद राय और पश्चिम बंगाल से देबश्री चौधरी को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। भाजपा बिहार के साथ ही पश्चिम बंगाल में अपना आधार बढ़ाने में जुटी हुई है। तेलंगाना से जी. किशनरेड्डी को जगह दी गई है। पार्टी ने यहां से पहली बार 4 सीटें जीती हैं। केरल में अपना जनाधार बनाने में जुटी भाजपा ने वी. मुरलीधरन को कैबिनेट में शामिल किया है।