प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के बच्चों को सरकार के महत्वाकांक्षी ‘स्वच्छ भारत’ अभियान का ‘सबसे बड़ा दूत’ बताते हुए कहा कि ये ‘मासूम मस्तिष्क’ वयस्कों की तुलना में कहीं बेहतर तरीके से किसी मुद्दे को समझते हैं।

मोदी ने लाल किले के प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कहा, ‘‘हमने पिछले साल इसी प्राचीर से ‘स्वच्छ भारत’ का सपना देखा था……. हम इस मिशन में अपने लक्ष्य को हासिल कर रहे हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये बच्चे ही हैं जो उसके सबसे बड़े दूत रहे। ’’
प्रधानमंत्री की प्रिय परियोजना में एक इस मिशन का लक्ष्य महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती समारोह वर्ष 2019 तक देश में खुले में शौच की प्रथा को खत्म करने के लिए लाखों शौचालयों का निर्माण करना है।
मोदी ने कहा, ‘‘हम 2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं। यह महात्मा गांधी के लिए हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी …….. और बच्चों ने जो भूमिका निभायी है, उससे मैं अचंभित हूं। कभी कभी मासूम मस्तिष्क वयस्कों की तुलना में किसी विषय को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। ’’
उन्होंने कहा कि पिछले एकसाल में देशभर में 2.62 लाख विद्यालयों में करीब 4.25 लाख शौचालय बनाए गए और इससे हमें आत्मविश्वास मिलता है कि हम जो चाहते हैं, कर सकते हैं।
69 वें स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले पर पहुंचे हजारों स्कूली बच्चों ने इस मिशन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए अपने परिधानों में ‘स्वच्छ भारत’ शब्द उकेरने की योजना बनायी थी ।
चांदनी चौक के खालसा बालिका उच्च विद्यालय की कक्षा छठी की छात्रा आलिया ने कहा, ‘‘हमने बहुत अभ्यास किया लेकिन हम ‘च्’ नहीं बना पाए, अतएव हमने जयभारत बनाया। ’’
केसरिया, सफेद और हरे रंग के परिधान में आए स्कूली बच्चों ने जयभारत शब्द बनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
एक अन्य स्कूली छात्रा 12 साल की गुलनाज ने कहा, ‘‘यदि हमारे पास और समय होता तो हम और अच्छा करते क्योंकि हम वास्तव में प्रधानमंत्री को बताना चाहते थे कि हम इस ‘स्वच्छ भारत’ मिशन का समर्थन करते हैं। ’’