देश के भावी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत शनिवार (22 जुलाई) को देश की आंतरिक सुरक्षा के हालात के बारे में अवगत कराएंगे। इसके अलावा ये अधिकारी भावी राष्ट्रपति को युद्ध की आपात स्थिति से निपटने के लिए किए गए इंतजामों के बारे में भी जानकारी देंगे। हालांकि यह सामान्य सी बात है। जब भी नए राष्ट्रपति का चुनाव होता है तो उन्हें यह जानकारी दी जाती है लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब भारत के भावी राष्ट्रपति को परमाणु बम के बटन की जानकारी दी जाएगी।

गुरुवार (20 जुलाई को) की शाम आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का एलान होने के बाद केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों का उनसे मिलने का कार्यक्रम शुरु हो गया है। नव-निर्वाचित राष्ट्रपति से सबसे पहले कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की मुलाकात हुई। उसके बाद अधिकारियों की एक टीम मिलेगी जो रामनाथ कोविंद को ब्रीफिंग में सहयोग करेंगे। पीके सिन्हा के साथ केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि भी होंगे जो 25 जुलाई को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों के बारे में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति को बताएंगे। इसके बाद राष्ट्रपति के मिलिट्री सेक्रेटरी अनिल खोसला नव-निर्वाचित राष्ट्रपति से औपचारिक मुलाकात करेंगे।

25 जुलाई को राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह का कार्यक्रम:

भावी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सुबह 10.15 बजे अपने आवास 10 अकबर रोड से निकलेंगे। उन्हें राष्ट्रपति के मिलिट्री सेक्रेटरी मेजर जनरल अनिल खोसला एस्कॉर्ट कर राष्ट्रपति भवन ले जाएंगे। वहां वह विदा हो रहे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे।

राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और भावी राष्ट्रपति के बीच गुप्त मीटिंग होगी, जिसमें विदा हो रहे राष्ट्रपति भावी राष्ट्रपति को रक्षा, विदेश और वित्त से संबंधित नीति के बारे में ब्रीफ करेंगे।

इसके बाद दोनों नेता संसद के सेन्ट्रल हॉल के लिए वहां से निकलेंगे। सेंट्रल हॉल में उनकी अगवानी देश के मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन करेंगी। वहां रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में 14 मिनट के कार्यक्रम में शपथ ग्रहण करेंगे। मुख्य न्यायाधीश उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।