जतिन आनंद
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 को शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपनी मंजूरी दे दी। इससे पहले लोकसभा द्वारा पारित किए जाने के कुछ दिनों बाद ही राज्यसभा में भी इसको मंजूरी मिल गई थी। इस अधिनियम को बाद में कानून और न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग द्वारा अधिसूचित किया गया, जिससे यह प्रभावी रूप से एक कानून बन गया।
दिल्ली में सिविल सेवकों के तबादले और पोस्टिंग का रास्ता साफ
सरकारी सूत्रों ने कहा कि इस प्रक्रिया ने दिल्ली में सिविल सेवकों के तबादले और पोस्टिंग से संबंधित “काफी समय से लंबित” जरूरत का रास्ता साफ कर दिया। अब इसे अगले सप्ताह शुरू किए जाने की संभावना है। यह कानून उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली के प्रशासन पर केंद्र के नियंत्रण को मजबूत करेगा। इससे उपराज्यपाल को दिल्ली विधान सभा के दायरे से बाहर आने वाले मामलों में कार्य करने का “एकमात्र विवेक” उपलब्ध होगा।
अध्यादेश का आरंभिक हिस्सा जिसे अब कानून के रूप में बदल दिया गया है, तीन सदस्यीय राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA), जिसमें मुख्यमंत्री और केंद्र द्वारा नियुक्त दो वरिष्ठ नौकरशाह शामिल हैं, को कानून द्वारा और अधिक सशक्त बनाया गया है।
निकाय अब कानूनी रूप से न केवल दिल्ली में तैनात नौकरशाहों के तबादले, पोस्टिंग और सतर्कता मामलों के संबंध में निर्णय लेने के लिए अनिवार्य है, बल्कि दिल्ली महिला आयोग, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC), दिल्ली परिवहन निगम और दिल्ली जल बोर्ड सहित अन्य निकायों के प्रमुखों की नियुक्ति भी करता है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, एनसीसीएसए – जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री करते हैं और इसमें दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (गृह) अन्य दो सदस्य हैं – की राजधानी की नौकरशाही से संबंधित “कई प्रमुख नियुक्तियों” पर चर्चा के लिए कानून की अधिसूचना जारी होने के अगले सप्ताह बैठक होने की उम्मीद है। प्राधिकरण की आखिरी बैठक 28 जुलाई को होनी थी, लेकिन लगातार पांचवीं बैठक स्थगित कर दी गई थी। इससे पहले एनसीसीएसए की बैठक 29 जून को हुई थी।