पेगासस विवाद को लेकर मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने भी केंद्र सरकार का घेराव किया है। अपने ट्विटर अकाउंट पर कुछ दस्तावेजों का साझा करके उन्होंने NSA सचिवालय के बजट बढ़ने की बात कही है। प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीट में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय, जिसकी अगुवाई NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) करते हैं। उसका बजट साल 2016-17 में 33 करोड़ से बढ़कर 2017-18 में 333 करोड़ रुपये हो गया। जिसमें से दो तिहाई हिस्सा साइबर सिक्योरिटी रिसर्च के लिए था। उन्होंने कहा कि यह वही समय है जब 100 करोड़ रुपये पेगासस खरीदने में खर्च किए गए ताकि जजो, चुनाव आयोग, एक्टिविस्ट और पत्रकारों की जासूसी की जा सके।
प्रशांत भूषण के द्वारा साझा किए गए दस्तावेजों के अनुसार साल 2011-12 में NSA सचिवालय का बजट 17.43 करोड़ था, 2012-13 में यह बढ़कर 20.33 करोड़ हो गया। 2014 में इसे 26.06 करोड़ कर दिया गया। एनडीए के सत्ता में आते ही यह 2014-15 में बढ़कर 44.46 करोड़ रुपये हो गया। 2016-17 में यह बजट 33 करोड़ था और 2017-18 में 333 करोड़ तक पहुंच गया। शेयर किए गए डाटा के अनुसार 2021 में यह बजट 228.72 करोड़ रुपये है।
So, National Security Council sect (Headed by NSA) budget increased 10 times from 33 Crs in ’16-’17 to 333 Crores in ’17-18 (2/3 is for Cyber security research!), precisely the time when 100s of Crores began to be spent on buying Pegasus to snoop on Judges, EC, activists, journos pic.twitter.com/LUavbeagQV
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) July 23, 2021
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाए: प्रशांत भूषण द्वारा जानकारी साझा करते ही कमेंट्स की बाढ़ आ गई। कोई इसे लोकतंत्र की हत्या करार देने लगा तो कोई दस्तावेजों की सत्यता पर सवाल उठाने लगे। भास्कर मुखर्जी नाम के यूजर लिखते हैं अंधेरे में लोकतंत्र की हत्या।
Democracy dies in darkness…
— Bhaskar Mukherjee (@Bhaskar05033039) July 23, 2021
वहीं रविंद्र गोरे नाम के यूजर ने लिखा कि अच्छी बात है, सरकार कम से कम बजट बढ़ाकर राष्ट्रविरोधी लोगों पर नजर तो रख रही है।
Good that thebudget of NSA has increased atleast they can keep an eye on anti nationals like you and elk
— Ravindra Gore (@RavinGore) July 23, 2021
पेगासस मामले को लेकर सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। मानसून सत्र में इस विवाद पर विपक्ष लामबंद हो गया है और लगातार सरकार का घेराव कर रहा है। हालांकि सरकार सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है लेकिन विवाद बना हुआ है। पेगासास मामले पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग व जांच के आदेश देने की बात कही है।
क्या है पेगासस: पेगासस एक स्पाईवेयर है। इसके जरिए किसी भी शख्स के फोन की सारी जानकारी निकाली जा सकती है। इस स्पाईवेयर को एक्टिव करने के लिए एक लिंक भेजा जाता है। अगर उपभोक्ता इस लिंक को क्लिक करता है तो एक खास कोड फोन में इंस्टॉल हो जाता है और इसकी निगरानी शुरू हो जाती है।