वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू हुए एक साल से ऊपर हो चुके हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इसका आपकी जिदंगी पर कितना असर हुआ है? पीटीआई के मुताबिक जीएसटी का लाभ उपभोक्ताओं को धीरे-धीरे मिल रहा है। एक आम हिंदुस्तानी परिवार औसतन प्रति महीने 8,400 रुपये खर्च करने पर 320 रुपये की बचत कर रहा है। 1 जुलाई, 2017 के बाद से लागू होने के बाद यह कर प्रणाली कारगर साबित हुई है। आंकड़े बताते हैं कि 8,400 के मासिक खर्च पर 510 रुपये का टैक्स अदा किया जा रहा है।

हाउसहोल्ड एक्सपेंडिचर प्री एंड पोस्ट-जीएसटी के विश्लेषण में पाया गया कि पहले के मुकाबले तकरीबन 83 उत्पादों के टैक्स में कमी आई है। इनमें भोजन, और पेय-पदार्थ लेकर टूथ पेस्ट, साबून, तेल, चप्पल आदि जैसे रोजमर्रा की जरूरत वाली चीजें शामिल हैं। जीएसटी के लागू होने से केंद्र और राज्य सरकारों के 17 टैक्स को एक साथ मिला दिया गया। इनमें एक्साइज ड्यूटी और सेल्स-टैक्स भी शामिल हैं। लेकिन, अभी भी पेट्रोलियम उत्पादों, शराब, तंबाकू और मनोरंजन पर लगने वाले टैक्स इससे बाहर हैं। जीएसटी में शामिल उत्पादों पर 5%, 12%, 18% और 28% के टैक्स स्लैब बनाए गए हैं।

इससे पहले जून, 2018 में मीडिया के हवाले से बताया गया कि जीएसटी लागू होने से टैक्स कलेक्शन में इजाफा हुआ है। 2016-17 में जहां इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 8.63 लाख करोड़ रुपये था। वहीं, जुलाई,2017 से मई 2018 के बीच 11 महीने के भीतर टैक्स कलेक्शन का आंकड़ा 10.6 लाख करोड़ रुपये हो गया। 2016-17 में जहा मासिक टैक्स कलेक्शन 72,000 करोड़ रुपये था। वहीं, 2018 में आकर यह आंकड़ा 91 हजार करोड़ के पार चला गया।