भारत सरकार ने करीब 857 वेबसाइटों के कंटेंट को ‘अनैतिक और अशोभनीय’ करार देते हुए इनपर बैन लगा दिया था। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस ने सभी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को एक लेटर जारी कर उन्हें (सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अनुच्छेद 79(2)(ब) के तहत) पोर्न वेबसाइट निष्क्रिय करने को कहा था। हालांकि फिर भी वैश्विक स्तर पर बड़ी पोर्न वेबसाइट में शुमार पोर्न हब और रेडट्यूब ने भारत में अपनी वेबसाइट्स को फिर से सक्रिय करने का रास्त खोज लिया और किसी इन साइटों तक पहुंचने के लिए कोई नई तरकीब लगाने की भी जररुत नहीं है। ये जानकारी गेजैट 360 के हवाले से है।
जानकारी के मुताबिक पोर्न हब को पोर्नहब डॉट ओआरजी और रेडट्यूब को रेडट्यूब डॉट नेट से एक्सेस किया जा रहा है। चूंकि भारत में कार्रवाई डॉट कॉम डोमेन पर हुई है तो ऐसे में पोर्न वेबसाइट बिना किसी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन), वैकल्पिक ब्राउजर्स, प्रॉक्सीज और अन्य तरकीब के बिना आसानी से एक्सेस की जा सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स जैसे एयरटेल, जियो, बीएसएनएल और अन्य ने पोर्नोग्राफिक दिखाने वाली सैकड़ों वेबसाइट्स पर बैन लिया दिया था। इस दौरान जब कोई यूजर्स पोर्न वेबसाइट एक्सेस करने की कोशिश करता तो पेज नहीं खुलता था। इसके उलट एक संदेश स्क्रीन नजर आता, जिस पर लिखा होता, ‘टेलीकॉम विभाग के निर्देशों के चलते इस वेबसाइट को ब्लॉक किया गया है।’
अमेरिकी मूल के वकील और इंटरनेट सेफ्टी एक्सपर्ट व वायर्डसेफ्टी के फाउंडर पैरी आफताब के मुताबिक मुख्य रूप से युवा लड़कों के साथ, चाइल्ड पोर्न, महिलाओं के खिलाफ हिंसा के रूप में पोर्न और साइबर आतंकवाद भारत में एक बहुत बड़ा मुद्दा बन रहा है। जल्द से जल्द इसपर ध्यान दिया जाना चाहिए।
इसी तरह भारत के अग्रणी साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल के मुताबिक भारत में कठोर साइबर कानून तत्काल लागू करने की जरुरत है।