महाराष्ट्र में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद से सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच मंगलवार शाम राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। इसके बाद राज्य विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी। राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी कि चुनाव परिणाम घोषित होने के 15 दिन बाद भी स्थिर सरकार संभव नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि सरकार गठन के लिए सभी प्रयास किए गए हैं, लेकिन उन्हें स्थिर सरकार बनने की कोई संभावना नहीं दिखी।
यह सिफारिश नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को दी गई डेडलाइन से पहले की गई। राज्यपाल के इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने राज्यपाल के इस फैसले पर उन्हें केंद्र का ‘एजेंट’ तक करार दे दिया।
इस मुद्दे पर जनसत्ता डॉट कॉम के फेसबुक पेज पर एक पोल करवाया गया। पोल में पाठकों की राय जानी गई। यह पोल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश किए जाने के तुरंत बाद शुरू हुआ जिसमें पाठकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। हमने पाठकों से पूछा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश ‘सही’ है या ‘गलत’। पोल में कुल 7300 लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें से 4000 (55 प्रतिशत) लोगों ने इस फैसले को ‘सही’ करार दिया जबकि 3300 (45 प्रतिशत) लोगों ने इसे ‘गलत’ बताया।
वहीं इस पोल में यूजर्स ने इस फैसले पर अपनी व्यक्तिगत राय भी दी। किसी ने इस फैसले के पक्ष में तो किसी ने विपक्ष में प्रतिक्रिया दी। पक्ष में बोलते हुए एक यूजर Rahul Dubey ने कहा ‘Sahe dubara chunao hoga or bjp ki sarkar ban jaege. Shamsher Singh ने कहा Very very correct. Pawar has terminated shiv Sena very cleverly।
Mahender Attri ने कहा ‘Sabhi state mai bhi governor Raj hona chaiyey, tabhi goan ka vikas hoga’
Ramesh Sharma ने इस फैसले के विपक्ष में कहा ‘शहंशाह हे जो मर्जी करे रोकोगे या कोशिश भी करोगे कुछ नहीं होने वाला लोकतंत्र अब धीरे धीरे अब ताना शाही की और चला था अब लोकतंत्र को अवरोध मानकर उसे समतल कर दौड़ लगा रहा है कहां जाकर रुकेगा कोन जाने’
Vinay Prakash Patnecha ने कहा ‘BJP has given 18 days and others were left to face president rule. Not even 48 hrs given to SHIVSENA. It’s murder or democracy’
वाजिद विधायक ने कहा ‘लोगों को काम देने से ओर प्रदेश की काफी सारी प्रॉब्लम है उनको सुधरना तो नहीं है बस चुनाव चुनाव करते जाए सब CM बनना चाहते है’