भारत सरकार द्वारा 1000 और 500 रुपए के नोट बंद करने के बाद राजनीतिक गलियारों में हाहाकार मचा हुआ है। ऐसा इस वजह से भी है क्योंकि अगले साल फरवरी में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में चुनाव होने हैं। माना जाता है कि इन राज्यों में ‘वोट के बदले नोट’ का काम बड़े पैमाने पर होता है। लेकिन अब कैंडिडेट या पार्टी इतनी आसानी से लोगों को पैसा नहीं दे पाएंगी। माना जा रहा है कि ‘स्टॉक’ में पड़े बहुत सारे पैसे जिसे पार्टियां ‘चंदे’ में मिला पैसा बताती हैं उन्हें चुनाव से पहले ही लोगों में बांट देगी और कहेगी कि वे खुद जाकर नोट को बदलवा लें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो पार्टी फंड में पड़ा सारा पैसा कागज के टुकड़े के बराबर होगा जिसकी कोई कीमत ही नहीं रह जाएगी। अबतक के चुनावों में देखा और सुना गया है कि पार्टी या उम्मीदवार की तरफ से चुनाव के बिल्कुल आसपास के दिनों में लोगों तक पैसे पहुंचाए जाते हैं। लेकिन इसबार ऐसा नहीं होगा क्योंकि 31 दिसंबर के बाद 1000-500 से नोटों की कोई कीमत ही नहीं रह जाएगी। उम्मीदवार इलाके के सरपंच या फिर संगठन के मुखिया द्वारा पैसे बंटवाने का काम किया करते हैं।

वीडियो: 500, 1000 के नोट बदलवाने हैं? लोगों के पास आ रहीं ऐसी फ्रॉड काल्‍स

गौरतलब है कि सरकार ने काले धन पर लगाम लगाने के लिए मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए 500 और 1000 रुपए के नोट पर रोक लगा दी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अब 500 और 2000 के नए नोट जारी कर दिए हैं। मंगलवार को पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि नए नोट जल्द से जल्द सरकुलेट कर दिए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि मंगलवार की आधी रात से 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए जाएंगे। नौ और 10 नवंबर के बीच एटीएम से पैसे निकालने की बंदिश होगी। 11 नवंबर तक अस्‍पतालों में पुराने नोट दिए जा सकेंगे। 9 और 10 नवंबर को एटीएम नोट काम नही कर रहे थे। ऑनलाइन पेमेंट, डेबिट, क्रेडिट और डिमांड ड्राफ्ट से भुगतान जारी रहेगा।