मध्यप्रदेश के धार जिले की सरदारपुर तहसील में एक जलाशय से दो शव मिलने के बाद ग्रामीणों का पार चढ़ गया और उन्होंने मौके पर पहुंचे राजगढ़ चौकी प्रभारी की जोरदार पिटाई कर दी। दरअसल धार क्षेत्र की सरदारपुर पुलिस चौकी के गांव धुलेट मोहनखेड़ा के पास स्थित महावीर जलाशय में दो व्यक्तियो के शव मिले थे। शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने एएसआई पर भी हत्या करने में शामिल होने का आरोप लगाया है। इसके बाद नाराज ग्रामीणों ने राजगढ़ चौकी प्रभारी रविन्द्रनाथ मिश्रा के साथ पहले बदतमीजी की और फिर उनकी पिटाई कर दी।
 बताया जा रहा है कि मगन, नानसिंह व थावरिया माही नदी पर मछली पकड़ने गए थे। वहीं रास्ते में नीमसिंह अपने साथियों के साथ आया और उन पर हमला कर दिया। हमले के बाद थावरिया ने ग्रामीणों को पूरी घटना की जानकारी दी और ग्रामीण चौकी पर गुरुवार को पहुंचे। लेकिन राजगढ़ चौकी के एएसआई ने ग्रामीणों को झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी देकर भगा दिया, जिसके बाद शुक्रवार को सुबह राहगीरों ने जलाशय में लाश मिलने के बाद हंगामा कर दिया।

देखें वीडियो में कैसे ग्रामीणों ने थाना प्रभारी पर हमला कर दिया :

इससे पहले 21 दिसंबर को जमशेदपुर से करीब 40 किमी दूर बोड़ाम में चार साल की एक बच्ची की क्रूरता से हत्या कर दी गई थी। बच्ची के दोनों हाथ काट दिए गए थे और आंखें फोड़ दीं थीं। लोगों ने इस हत्या के पीछे तंत्र-मंत्र को भी कारण बताया था। वहीं, जब पुलिस मौके पर पहुंची तो आक्रोशित महिलाओं ने एसआई को पेड़ से बांध दिया और पिटाई भी की। ग्रामीण इस बात से आक्रोशित थे कि 6 दिन पहले जब परिजन थाने में बच्ची के लापता होने का सनहा दर्ज कराने पहुंचे तो पुलिस ने दुर्व्यवहार कर भगा दिया था। बुधवार दोपहर परिजनों को घर के पास ही एक झाड़ी में शव मिला था। पता चला शव छह दिन (15 दिसंबर) से लापता चार वर्षीय चंदना सिंह का है। सूचना मिलने पर पहुंचे एसआई अश्विनी कुमार पांडे जब घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे थे, तभी बच्ची की नानी के नेतृत्व में दर्जनों महिलाओं ने उनका घेराव कर दिया था। महिलाओं ने कहा कि जिस दिन हम लोग थाने गए थे, उस दिन केस नहीं लिया गया। दूसरे दिन जाने पर गाली गलौज करते हुए मारपीट की गई । कुछ देर बाद महिलाएं उग्र हो गईं और एसआई को इंस्पेक्टर राम प्रसाद के सामने ही रस्सी से बांध दिया। उनकी खूब पिटाई भी की। बीडीओ सुनील कुमार प्रजापति, इंस्पेक्टर रामप्रसाद, पार्षद स्वप्न कुमार महतो एवं आजसू नेता रमानाथ महतो ने बीच-बचाव किया लेकिन भीड़ के आगे वे कुछ नहीं कर पाए थे।