Jagannath Rath Yatra Stampede: रविवार को पुरी के गुंडिचा मंदिर के सामने हुई भगदड़ में जिंदा बचे लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी गिरे हुए पीड़ितों को बचाने के बजाय अपनी जान बचाने के लिए भागे। खुर्दा जिले की मृतक प्रभाती साहू के पति दिलीप साहू ने कहा, ‘मैंने पुलिस अधिकारियों को खुद को बचने के लिए भागते हुए देखा। मेरी पत्नी बेहोश थी और मुझे अन्य भक्तों की मदद से उसे अस्पताल ले जाना पड़ा। जिन पुलिस अधिकारियों को हमारी रक्षा करनी चाहिए थी, वे कहीं नहीं दिखे।’

जिंदा बचे लोगों ने बताया कि जब भीड़ बेकाबू हो गई तो वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ‘त्योहार से पहले सरकार द्वारा किए गए मॉक ड्रिल के बावजूद स्थिति से निपटने के लिए मौके पर कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। भारी भीड़ के बावजूद वहां बमुश्किल ही कोई पुलिसकर्मी दिखाई दिया। वह रविवार का दिन था और श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही थी। जब लोग गिरने लगे और चीखने-चिल्लाने लगे तो कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई।’

पुरी में जगन्नाथ यात्रा के दौरान कैसे घायल हुए 600 श्रद्धालु?

रथों के सामने जमीन पर कुछ लकड़ी के लट्ठे रखे हुए थे – परिखिता मिश्रा

ढेंकनाल की एक चश्मदीद परिखिता मिश्रा ने कहा, ‘रथों के सामने की जगह पहले से ही भरी हुई थी। लेकिन दो ट्रक वहां से गुजर गए, जिससे क्षेत्र और भी सिकुड़ गया और भगदड़ मच गई। ट्रकों की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए कोई पुलिस वाला नहीं था।’ एक अन्य जिंदा बचे व्यक्ति प्रसनजीत मकहुद ने कहा, ‘रथों के सामने जमीन पर कुछ लकड़ी के लट्ठे रखे हुए थे। कई भक्त देवताओं की स्पष्ट झलक पाने के लिए उन पर खड़े हो गए। बारिश के कारण लट्ठे फिसलन भरे थे। कुछ भक्त फिसलकर गिर गए।’

ओडिशा के कानून मंत्री ने क्या कहा?

ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने रविवार को कहा कि सरकार पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ के बाद गंभीर कदम उठा रही है। इस भगदड़ में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। एएनआई से फोन पर बात करते हुए हरिचंदन ने कहा, ‘यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम इसका संज्ञान ले रहे हैं। मैंने आज सुबह सीएम से बात की। हम कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। डीजीपी को घटनास्थल पर भेजा गया है।’ जगन्नाथ रथयात्रा के बाद भगदड़ को लेकर ओडिशा सरकार पर हमलावर कांग्रेस