फ्रांस में आतंकी हमलों पर शायर मुनव्वर राणा का विवादास्पद बयान सामने आया है। राणा ने कहा कि मजहब एक बेहद खतरनाक चीज है कि किसी भी मजहब के बारे में आप कुछ कहें तो आप तैयार रहें कि आप मारे जा सकते हैं। अगर हिंदुस्तान में कोई मुस्लिम भी ऐसी कोई कार्टून या नफरत फैलाने वाली हरकत करता है, तो मैं यही कहूंगा कि इस शख्स को गोली मार दी जाए। फ्रांस में गला काटने वालों को आतंकी मानने से इनकार करते हुए राणा ने कहा कि नफरत फ्रांस ने फैलाई है, तो आतंकी तो फ्रांस है। आतंकी मुसलमान कहां से हो गए।

मुनव्वर राणा यहीं नहीं रुके। उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, कोई मेरे बाप का ऐसा गंदा कार्टून बना दे, मेरी मां का कार्टून ऐसा बना दे, तो हम उसे मार देंगे। मुनव्वर ने एक अन्य टीवी चैनल से कहा कि फ्रांस में गला काटने की घटना पर जो इतना हल्ला हो रहा है कि यह इस्लामी आतंकवाद है और बाकी सब, यह कुछ नहीं है। यह मजहबी जुनून है जो कहीं भी सवार हो सकता है। जिसने कार्टून बनाया उसने गलत किया, जिसने कत्ल किया, वह उसका पागलपन था। पर यह फैलाना कि यह इस्लामी आतंकवाद है यह भड़काने जैसा है।

इस पर योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने मुनव्वर राणा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि शायर की आड़ में एक आतंकी बहरूपिया आज देश में दिखा, लेकिन सवाल यह है कि आतंक का समर्थन करने वाले इस शायर का महिमामंडन कौन करता था और किसने हौंसला बढ़ाया? ये किसकी आड़ में यहां तक पहुंचा और आज इसका इतना हौसला बढ़ गया कि इसने आतंकवाद को समर्थन देने की बात कही। आतंकवाद को जस्टिफाई करने की बात की। ये जवाब समाजवादी पार्टी को देना होगा देश को।

अपने बयान पर चौतरफा घिरने के बाद मुनव्वर राणा ने सफाई दी। उन्होंने कहा, “या तो आप मेरी बात समझ नहीं पाते या दूसरे अर्थ निकालते हैं। मकबूल फिदा हुसैन को हिंदुस्तान छोड़कर भागना पड़ा। अगर वे न भागते तो यहां मार दिए जाते। 90 साल का बूढ़ा आदमी जिसने पूरी जिंदगी हिंदुस्तान की वफादारी की थी, उसने दूसरे मुल्क में दम तोड़ा, क्योंकि उसने दूसरे मजहब को छू लिया था।”

राणा ने कहा कि 470 साल पहले जिन बादशाहों ने मंदिर तोड़ दिए थे, गलती की थी, उसका नतीजा आजतक पूरी कौम को गालियां खा कर नफरतें हासिल कर गुजारना पड़ रहा है। मैंने कहा था कि मजहब खतरनाक चीज है, इससे आदमी को दूर रहना चाहिए। पर कार्टून इसलिए बनाए गए थे कि अल्लाह की तस्वीर को बिगाड़ कर पेश किया जा सके।